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पत्नी और बूढ़े पिता

               टॉपिक - हिंदी कहानी    कहानी का नाम -  पत्नी और बूढ़े पिता   हैलो दोस्तो आज की मेरी ये कहानी अपने कर्मो पर आधारित हैं, यानी जैसा व्यक्ति करता हैं आगे चलकर उसे वही मिलता है यही बात इस कहानी के किरदार द्वारा निभाया गया हैं। तो पड़िए ये कहानी  बहुत पुराने समय की बात हैं। एक बार काशी राज्य में एक किसान के घर बोधिसत्व ने जन्म लिया और उनके माता पिता ने उनका नाम कमल रखा , कमल को उन्होंने बड़े लाड प्यार से पाल पोस कर बड़ा किया।  बचपन से ही बोधिसत्व बहुत ही तेज दिमाग के थे अपने बाल्यावस्था में वे अन्य बालको की अपेक्षा बहुत ही अधिक ज्ञानी और विचारवान बालक थे। माता पिता का दुलारा तो था परंतु दादा जी का वो प्राणों से प्यारा था। बोधिसत्व के दादा जी बहुत ही बूढ़े थे वो घर का कोई भी काम नहीं कर पाते थे। इसलिए घर वालो को उनकी सहायता करना पड़ता था। परंतु ये बात उसकी बहू यानी किसान की पत्नी को बिलकुल नहीं भाती थी। उससे उसके ससुर का एक भी काम नहीं होता था वो उनसे बोहोत ही चिड़ती थी।...