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संदेश

गुरु या शिक्षक

हेलो friends नमस्कार🙏 आज हम बात करेंगे एक गुरु,शिक्षक, या teacher जो हमें जीवन मे हमेशा अच्छी ही राह दिखाते है।इसलिए हमें इनका आदर respect करना हमेशा करना  चाहिए। सभी शिक्षक teacher को मेरा चरण स्पर्श, 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏                        कविता               (गुरु,शिक्षक, Teacher)        ************************* है गुरु तुम राह दिखाते पग - पग सही दिशा दिखाते हो ... बच्चों की तरह ऊँगली पकड़कर गिरने से तुम बचाते हो.... कहि कोई उलझन आये तो हँसकर तुम सुलझाते हो .... मेरे जीवन के आदर्श तुम ही हो तुम हमे फूलों की तरह ही खिलाते हो .... आज नही कल का भी भविष्य तुम हमारा सवारते हो ... सत सत प्रणाम करू में तुमको संचित ज्ञान का दर्शन तुम कराते हो.. इसलिए मेरे लिए तुम भगवान से ही कहलाते हो .... ************************************************ कविता का भावार्थ ****************** गुरु ,गुरु ही होता है।शिष्य उनकी जगह नहीं ले सकता है।क्युकी गुरु ज्ञान देता है, और शिष्य...

दिल की बात (शीर्षक)

हेलो दोस्तों नमस्कार🙏 ************************ कविता का शीर्षक दिल की बात ****************************** #दिलकीबात  Hello दोस्तो नमस्कार🙏 मेरी ये कविता सबसे महत्वपूर्ण तथ्य को महत्व देने पर आधारित है। पढ़िए और समझिए में इस कविता में क्या बतलाना चाहती हूं। तो चलिए पड़ते है, कविता ( दिल की आवाज) दिल की बात ,अंदर से आवाज़ ये आती है!!!! फूल तोड़ा पौधे से,खुशबू फूल से आती है पौधे की बात होती नहीं  जब खुशबू की बात आती है..... पड़ लिख बेटा नाम कमाये बातें कमाई की आती है,बाते जगह की आती है। परवरिश की बातें क्यों देर से आती है..... कोई बहादुरी का काम किया बात ताकत की आती है ताकत देने वाले कि,वो बातें कहा जाती है शिक्षा ग्रहण किया.... सारी दुनिया नाम कमाया नाम स्कूल की आती,नाम कॉलेज की आती है। वो शिक्षक का ज्ञान कहा वो जाती है...... ईमान किया ना बुरा कोई काम किया बात ईमान की आती ,ईमानदारी की आती है कहा साफ दिल वो आवाज ये आती है। मेने अंदर से झांका ,तुझे गलत करने से रोका वो दिल की बात कहा वो जाती है...... कविता का भावार्थ मेरी इस कविता का भावार्थ यह है, की हम सभी बातो को महत्व देते है, ले...

अपना किरदार निभा लीजिए कविता (शीर्षक)

Hello दोस्तो नमस्कार🙏  *************************** कविता का शीर्षक किरदार *************************** मेरी आज की कविता किरदारों पर आधारित है। जो हमारे जीवन की डोर है, जिसे निभाना हमारा कर्तव्य है। चलिए पड़ते है, कविता किरदार।  अपना किरदार निभा लीजिए   जीवन में किरदार बहुत निभा लिए कोई अपने तो कुछ अलग से लगे ये जीवन की डोर को कोन खींचकर रखता है। कुछ अपने आप से तो कोई  किसी और के किरदार में रहता है। जीवन के किरदार बहुत निभा लिये कोई अपने तो कुछ अलग से लगे.. पल में कोई झूठ रहता है, कही तो वो पल ना जाने कितने बदलाव करता है। कोई नही करता भरोसा किसी पे ये अंदाज जब उसे पता चलता है। जीवन के किरदार बहुत निभा लिये हमने ना जाने कोन इसकी डोर खींचकर रखता है… फिर भी असत्य, सत्य को पराजित करें हसंते हुए लोगो को कुछ लोग गंभीर करे ना पसीना बहाए, ना कोई मेहनत करें पका पकाया मिले स्वयं को तो,हराम की गाली दे किसी और को  जीवन के किरदार बहुत निभा लिये हमने ना जाने कोन इसकी डोर खींचकर रखता है… सफलता और असफलता कोई मायने रखती नहीं जिसकी किस्मत रही,  उसी को खुश होने का मोका मिलता ह...