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नए साल पर नई उम्मीद

Title - नए साल पर उम्मीद   नया साल नई उम्मीद  नए उमंग को लेकर आया नए सपनो को पूरा कर ले ये हम सब से कहने आया कुछ छूटा हैं कुछ रूठा हैं मनमाना सा कुछ! कोई दिल के कोने में रहा है।  ना आने की कोई उम्मीद हैं जिसकी उसको सपनो में जाकर मिल दिल के सारे पन्ने खोल कहदे सच में आकर मिल…। आशुओ को रोक के बोले जीवन आना जाना हैं… आज तू मेरी उम्मीद तो रखले अपने कर्तव्य से क्यों तू मुंह मोड़ इंतजार मेभी करूंगा, अपना पहले जीवन जी ले….। देखना मेरा दिल ना तोड़ हंस कर रह मेरे दिल में बस कर मुझ को ये एहसास रहें मेरे सारे नववर्ष में मेल ले मिलकर सारे दुख को छोड़ और सारी खुशियां साथ निभा ले हंसकर रह, हिम्मत से रह क्रोध से अपने को कमजोर ना कर आगे बड़ ना किसी से डर अपने सारे कर्तव्य निभा ले नए साल की उम्मीद से जी जीवन की सारी परीक्षा दे  फेल ना हो पास ही होना कोई दिल में मंशा ना रखना नए साल का आशीर्वाद यही हैं कोई ना हो साथ पर  धरती पर भगवान अभी भी हैं…। ध न्यवाद   कविता यादव

मां अंबे के नो रूप - प्रथम रूप शैलपुत्री

जय माता जी दोस्तो माता के नो स्वरूप प्रथम 🙏मां शैलपुत्री🙏 शैलपुत्री  चैत्र नवरात्र प्रारंभ चैत्र प्रतिपदा मां शैलपुत्री…।  प्रथम दिवस पूजनीय उपासना करें हम मां शैलपुत्री…।  अस्तित्व का आधार पति शिवजी है, शैलपुत्री…। वाहन है, वृषभ जिनका वृषोरुंढा और उमा नाम शैलपुत्री…। दांए हाथ त्रिशूल धारणी, बाए हाथ कमल पुष्प शांति का प्रतीक शैलपुत्री…। श्वेत वस्त्र, श्वेत वस्तु, फूल श्वेत,भोग श्वेत प्रिय शैलपुत्री…। मां पार्वती पूर्वजन्म बनी दक्ष प्रजापति पुत्री सती शैलपुत्री…। पिता यज्ञ अपमान न सहन योगाग्नि में स्वयं भस्म हुई मां शैलपुत्री…। ओम देवी शैलपुत्रायी नमः प्रिय मंत्र मां शैलपुत्री…। सूर्योदय प्रातः उठकर ,साफ वस्त्र धारण कर हम  पूजा करें मां शैलपुत्री…। सारे दुख तकलीफ मिटा दे मन इच्छा पूर्ति कर मां शैलपुत्री…। व्रत करें उपासना करें हर तकलीफ सहे पर तुझे याद करें मां शैलपुत्री…।

गुरु या शिक्षक

हेलो friends नमस्कार🙏 आज हम बात करेंगे एक गुरु,शिक्षक, या teacher जो हमें जीवन मे हमेशा अच्छी ही राह दिखाते है।इसलिए हमें इनका आदर respect करना हमेशा करना  चाहिए। सभी शिक्षक teacher को मेरा चरण स्पर्श, 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏                        कविता               (गुरु,शिक्षक, Teacher)        ************************* है गुरु तुम राह दिखाते पग - पग सही दिशा दिखाते हो ... बच्चों की तरह ऊँगली पकड़कर गिरने से तुम बचाते हो.... कहि कोई उलझन आये तो हँसकर तुम सुलझाते हो .... मेरे जीवन के आदर्श तुम ही हो तुम हमे फूलों की तरह ही खिलाते हो .... आज नही कल का भी भविष्य तुम हमारा सवारते हो ... सत सत प्रणाम करू में तुमको संचित ज्ञान का दर्शन तुम कराते हो.. इसलिए मेरे लिए तुम भगवान से ही कहलाते हो .... ************************************************ कविता का भावार्थ ****************** गुरु ,गुरु ही होता है।शिष्य उनकी जगह नहीं ले सकता है।क्युकी गुरु ज्ञान देता है, और शिष्य...