सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

नए साल पर नई उम्मीद

Title - नए साल पर उम्मीद 


नया साल नई उम्मीद 

नए उमंग को लेकर आया


नए सपनो को पूरा कर ले

ये हम सब से कहने आया


कुछ छूटा हैं

कुछ रूठा हैं

मनमाना सा कुछ!

कोई दिल के कोने में रहा है। 


ना आने की कोई उम्मीद हैं जिसकी

उसको सपनो में जाकर मिल

दिल के सारे पन्ने खोल

कहदे सच में आकर मिल…।


आशुओ को रोक के बोले

जीवन आना जाना हैं…


आज तू मेरी उम्मीद तो रखले

अपने कर्तव्य से क्यों तू मुंह मोड़

इंतजार मेभी करूंगा, अपना पहले

जीवन जी ले….।


देखना मेरा दिल ना तोड़

हंस कर रह मेरे दिल में बस कर

मुझ को ये एहसास रहें

मेरे सारे नववर्ष में मेल ले


मिलकर सारे दुख को छोड़

और सारी खुशियां साथ निभा ले


हंसकर रह, हिम्मत से रह

क्रोध से अपने को कमजोर ना कर

आगे बड़ ना किसी से डर

अपने सारे कर्तव्य निभा ले


नए साल की उम्मीद से जी

जीवन की सारी परीक्षा दे 

फेल ना हो पास ही होना

कोई दिल में मंशा ना रखना


नए साल का आशीर्वाद यही हैं

कोई ना हो साथ पर 

धरती पर भगवान अभी भी हैं…।


न्यवाद 

कविता यादव

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मेरे जज़्बात ( कविता = शीर्षक)

कविता (मेरे जज़्बात = शीर्षक) Hello दोस्तो नमस्कार🙏 मेरी आज की कविता जज्बातों पर आधारित है। क्युकी हमारे जज़्बात ही हमे सही गलत का ज्ञान प्रदान करते है। आज इंसान की इच्छाओं को पंख लग गए है। उसे पलक झपकते ही सारे सुख चाहिए। पर ये जज़्बात ही है। जो उसे जीवन जीने की कला में शारीरिक श्रम का महत्वपूर्ण स्थान है। मेरे जज़्बात मेरे धरोहर है। जिन्हे छुपाकर रखना, इसकी मेरे जज्बातों को खबर है। एक लंबी जिंदगी इस बात का स्पष्ट संकेत नही है। एक छोटी सी जिंदगी भी महानता का महत्वपूर्ण कर्तव्य है। जज्बातों के उदाहरण बहुत है। एक दिन जीने वाले लीली के फूल को भी इस बात की खबर है। सैकड़ों वर्ष जीने वाले बांस के प्रासंगिकता की तुलना छोड़िए। एक दिन जीने वाले लीली की सुंदरता से खुश होइए। एक सुंदर चीज का प्रभाव सदैव के लिए होता है। बेशक, सुंदरता को ही चार दिन की चांदनी भी कहा जाता है। जज़्बात दिलों के अंदर से ही पनपते हैं। इसमें वेदनाएं, खुशी, हंसी, दुख, सब छुपे हुए होते हैं। हमारे जज़्बात हमे हमारे जीने की कला सिखाते है। जिसने अपने जज्बातों पर संयम बना लिए सच मानिए जीने का तजुर्बा उसे आ गया। जज्बातों का दाम...

जय श्री गणपती महाराज

  ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः             Hello friends👋नमस्कार🙏 फ्रेंड्स इस ब्लॉग पर मेरी ये सबसे पहली कविता है।और में चाहती हूँ।कि में सबसे पहले विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की कविता से शुरुआत करू, ताकि गणपति महाराज मेरे विघ्न हरके ,ओर आप सब के भी विघ्न हरे .... ओर सर्वप्रथम पूजनीय श्री गणेश जी मुझे सफल करें और मुझें अपने इस ब्लॉग में आशीर्वाद प्रदान करें... 🙏🙏जय गणपति महाराज मुझे सफल करें🙏🙏 🙏 जय गणपति महाराज 🙏 ************************* गणपति महाराज विघ्न हरो  पूरन कीजे काज.....🙏 सफलता मुझको दिलवादो जो दिल में हैं, विशवास....🙏 सर्वप्रथम आपको मेरा हैं नमस्कार,चरणों मे दीजे जगा ना करिए मुझको नाराज़....🙏 आपके कई बच्चों में  में भी हूँ एक आम मेरी भी सुन लीजे तुच्छ सी ये अरदास....🙏 गणपति महाराज विघ्न हरो पूरन कीजे काज़...🙏 समझ नहीं मुझको, नादां हुँ थोड़ी सी गलती मेरी छमा ...