टॉपिक - हिंदी कहानी कहानी का नाम - पत्नी और बूढ़े पिता हैलो दोस्तो आज की मेरी ये कहानी अपने कर्मो पर आधारित हैं, यानी जैसा व्यक्ति करता हैं आगे चलकर उसे वही मिलता है यही बात इस कहानी के किरदार द्वारा निभाया गया हैं। तो पड़िए ये कहानी बहुत पुराने समय की बात हैं। एक बार काशी राज्य में एक किसान के घर बोधिसत्व ने जन्म लिया और उनके माता पिता ने उनका नाम कमल रखा , कमल को उन्होंने बड़े लाड प्यार से पाल पोस कर बड़ा किया। बचपन से ही बोधिसत्व बहुत ही तेज दिमाग के थे अपने बाल्यावस्था में वे अन्य बालको की अपेक्षा बहुत ही अधिक ज्ञानी और विचारवान बालक थे। माता पिता का दुलारा तो था परंतु दादा जी का वो प्राणों से प्यारा था। बोधिसत्व के दादा जी बहुत ही बूढ़े थे वो घर का कोई भी काम नहीं कर पाते थे। इसलिए घर वालो को उनकी सहायता करना पड़ता था। परंतु ये बात उसकी बहू यानी किसान की पत्नी को बिलकुल नहीं भाती थी। उससे उसके ससुर का एक भी काम नहीं होता था वो उनसे बोहोत ही चिड़ती थी।...
टॉपिक - अपमान प्रत्येक व्यक्ति का अपना एक मान सम्मान होता हैं। चाहे वो गरीब हो या अमीर इसलिए अगर आप किसी का अपमान करते हो तो दस बार नही तो एक बार तो अवश्य ही सोचे क्युकी प्रत्येक व्यक्ति की अपनी एक सेल्फ रिस्पेक्ट होती है। और चलिए मान लेते हैं की जाने अंजाने में आपसे किसी की इंसइल्ट हो गई तो उससे माफी मांग ले क्युकी माफी मांगने से कोई छोटा नही हो जाता लेकिन यही बात तो है की लोग अपने अहम में इतने डूबे हुई होते है की उन्हे अपने आगे कोई नही दिखता बस अपमान का बदला अपमान से ही देते हैं और अपशब्द कहने लगते है इससे होता ये है की आपके हाथ तो कुछ नहीं लगता उल्टा इसका दुष्प्रभाव आपके स्वास्थ पर पड़ता हैं। इसलिए अच्छे बने बुरे नहीं सम्मान करे अपमान नही एक समय बाद सब कुछ बदल जाता हैं, इंसान के जीवन की कुछ बाते होती है जो उसको हमेशा प्रभावित करती हैं उसके जाने अनजाने में कही गई बाते उसके अपमान का कारण बन जाती हैं। हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है की कर्म किए जाओ फल की चिंता ना करो इस...