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संदेश

रिश्ते संभालिए(शीर्षक)

  हेलो👋 friends नमस्कार🙏                कविता का शीर्षक                        रिश्ते                ************* आज की मेरी जो कविता है।वो रिश्तों पर आधारित है। friends हमारे जीवन मे जो भी हमसे जुड़े रिश्ते होते है,वो चाहे माता,-पिता ,भाई-बहन ,का जो भी रिश्ते होते है।उसे हमे दिल से निभाना चाहिए। क्योंकि कोई भी परेशानी आये या कोई तकलीफ यही रिश्ते हमारे काम आते है। कोई और रिश्ते नही  इसलिये अपनो को ओर अपने रिश्तों को संभाल कर रखिये। कोई भी रिश्ता दिल से निभाये❤️(कविता) ********************************** चंद फूलो को तोड़के, पौधे नही मुरझाते... आश किसी को देके ,जब अपने मुकरजाते। दिल दुखता है,की तू मेरा एक है... पर मील ना सात जन्म दिल से दुआ है। मेरा प्यार राधा की तरह नहीं ,जिस पर हक राधा का है हम तो वो मीरा है,जिसने उस श्याम को पाने की खातिर जहर का प्याला पी लिया। इसलिए किसी तरह के रिश्ते निभाना हो तो तो प्रेम से निभाओ , वरना ना राधा, बनो ना...

चाय (शीर्षक)

🌹🌹हेलो दोस्तों नमस्कार🌹🌹  आप को पता है।ना...हम भारतीयों को सुबह उठते ही क्या चाहिए ...बताइये,बताइये  अ पने दिमाग पर ज्यादा जोर मत डालिये में बता देती हूं,वो है चाय☕️ हमें सुबह कुछ मिले या ना मिले एक कप चाय,चाय चाहे जैसी भी हो चलेगी ,मतलब ग्रीन टी,ब्लैक टी,मतलब किसी भी रूप में हो चाय तो होना ही है। और चाय के साथ कोई भी नास्ता दे दीजिए ,फिर तो समझो सोने पर सुहागा हो जाएगा, वैसे चाय पीने से एक ताजगी और स्फूर्ति भी बनी रहती है...पर अति तो हर चीज़ की बेकार होती है। चाहे वो किसी की भी है.... पर खाली समय ,शाम का वक्त ,हाथ मे अपनी favourite book ओर tea यानी चाय ना हो सम्भव ही नही...I like tea and you like it or not, tell me वो चाय☕️ में धीमे से डुबोकर तुझे मेरा दिन बन जाता है। वो बिस्कुट मुझे ,बहुत याद आता है..... वो बिस्कुट मुझे, बहुत याद आता है..... में बिस्कुट की दीवानी.....टिंग टोंग....👌👌 पर चाय तो है।महारानी...टिंग टोंग...😊😊 चाय पीजिये पर कम ही अपना ख्याल भी तो रखना है...... धन्यवाद कविता यादव

Good morning (शीर्षक)

Hello Friends नमस्कार *******************              कविता का शीर्षक उठो लाल उठो लाल अब आँखें खोलो, पानी लायी हूँ मुंह धो लो। बीती रात कमल दल फूले, उसके ऊपर भँवरे झूले। चिड़िया चहक उठी पेड़ों पे, बहने लगी हवा अति सुंदर। नभ में प्यारी लाली छाई, धरती ने प्यारी छवि पाई। भोर हुई सूरज उग आया, जल में पड़ी सुनहरी छाया। मंदिर में अब बंजी हैं घंटी शंख बजे आरती करे भक्त जन मिलकर कब तक सोते रहोगे तुम तन के उठो लाल थोड़ी पूजा कर लो  मिले ********************************************** कविता का भावार्थ **************** उठिए सुबह हो गई हैं,नींद से भी और अगर जीवन में हार महसूस हो रहा है तो उससे भी ,क्युकी जीवन में हार जीत तो लगी रहती है।इसलिए उठिए....। Good morning *********************************************** धन्यवाद  कविता यादव नन्ही नन्ही किरणें आई, फूल खिले कलियाँ मुस्काई। इतना सुंदर समय मत खोओ, मेरे प्यारे अब मत सोओ।