आज की कविता आम पर.......अरे...अरे....वो आम नहीं जिसे आम व्यक्ति कहते है।
ये आम है... Mango.. fruits....
मतलव आम फल गर्मियों का सबसे अधिक पसंद करने वाला फल, फलों का राजा जिसको खाना कोन नहीं पसंद करता.. है ..न ....friends तो अब इंतजार किस बात का है। गर्मियां शुरू होने वाली है , और आम खाने के दिन आने वाले हैं,तो गर्मियों को आम के साथ कुछ आम तरीके से मनाए ...जैसे कोई त्यौहार
आम हूँ, पर कुछ खास ही हूँ😋😋😋😋😋
**********************************
गर्मी आई गर्मी आई उमस भी देखो साथ लाई
नहीं कुछ लगता है अच्छा,पसीना आता है बेकार
लाइट जाए तो सभी को, ओर भी करदे लाचार
हँसने को कोई बोले तो ,दे दे उसको थप्पड चार
अगर रहे कूलर ऐसी तो समझो अपने मज़े आ गए
बैठे टी.वी.के सामने ओर दो चार मस्त आम खा गए..
छोटे-छोटे पिले -पिले, मीठे चूसे इसको पहले
या फिर बड़ा एक आम लाये, काट ले और फिर खाये
छोटे हो या बड़े हो आम तो लेकिन सब ही खाए
अगर बना हो इसका रह,तो और भी मज़ा आ जाए
अमचूर, केरी,या खटाई,इसको खाते है ऐसे भी
आम खाने के रूप अनेक ,रस पूड़ी तो बहुत जरूरी
आम ये एक ऐसा फल, कहता हूं में आम मगर
खाये इसको सब खास मगर,भाए ये सभी को
हर डगर.......।।।।
*********************************************
कविता का भावार्थ
***************
गर्मियों के मौसम के आते से ही, साथ में फलो का राजा आम भी आता है।जिसे हम सभी बहुत पसंद करते है।तो कविता का भावार्थ बस यही की आम! आम है ,पर कुछ खास ही है ।
*********************************************
👆👆👆👆👆😊😊😊😋😋😋👆👆👆👆
धन्यवाद
🙏🙏कविता यादव🙏🙏
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें