कविता (मेरे जज़्बात = शीर्षक)
Hello दोस्तो नमस्कार🙏
मेरी आज की कविता जज्बातों पर आधारित है। क्युकी हमारे जज़्बात ही हमे सही गलत का ज्ञान प्रदान करते है। आज इंसान की इच्छाओं को पंख लग गए है। उसे पलक झपकते ही सारे सुख चाहिए। पर ये जज़्बात ही है। जो उसे जीवन जीने की कला में शारीरिक श्रम का महत्वपूर्ण स्थान है।
मेरे जज़्बात मेरे धरोहर है।
जिन्हे छुपाकर रखना, इसकी
मेरे जज्बातों को खबर है।
एक लंबी जिंदगी इस बात का स्पष्ट संकेत नही है।
एक छोटी सी जिंदगी भी महानता का महत्वपूर्ण कर्तव्य है।
जज्बातों के उदाहरण बहुत है। एक दिन जीने वाले
लीली के फूल को भी इस बात की खबर है।
सैकड़ों वर्ष जीने वाले बांस के प्रासंगिकता की तुलना छोड़िए।
एक दिन जीने वाले लीली की सुंदरता से खुश होइए।
एक सुंदर चीज का प्रभाव सदैव के लिए होता है।
बेशक, सुंदरता को ही चार दिन की चांदनी भी कहा जाता है।
जज़्बात दिलों के अंदर से ही पनपते हैं।
इसमें वेदनाएं, खुशी, हंसी, दुख, सब छुपे हुए होते हैं।
हमारे जज़्बात हमे हमारे जीने की कला सिखाते है।
जिसने अपने जज्बातों पर संयम बना लिए
सच मानिए जीने का तजुर्बा उसे आ गया।
जज्बातों का दामन कभी मत छोड़िए
हां अंदर से कमजोर सही
बाहर से जज्बातों को पकड़ कर रखिए।
ये दुनिया दिन हीन की नही होती है, दोस्तों
इसलिए हमेशा मजबूत बने रहिए ।
कविता का भावार्थ
कविता का भावार्थ बस यही है, की जज़्बात हमारे दिल में हमेशा ही उभरते है। परंतु कोन से सही और कोन से गलत जज़्बात है। इसकी खबर जज्बातों को भी होती है।
धन्यवाद
कविता यादव
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