HI FRIENDS👋 नमस्कार🙏
कविता का शीर्षक महसूस
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दोस्तों कभी भी हमे अकड़ नहीं करना चाहिए,अब आप बोलोगे आप कोन होती हो बोलने बाली .....
में कोई नही होती किसी को भी कुछ कहने वाली,पर हमें ये नही भूलना चाहिए कि ,दर्द किसी का भी हो,तकलीफ किसी की भी हो, बहुत दुखदाई होती है।और हम अगर उसके लिए कुछ नहीं कर सकते तो इतना तो कर ही सकते है।कि थोड़ा दुख दर्द बाट ले।ओर अपनी तरफ से कुछ दुख कम कर सकते है,तो उसे कम करने की कोशिश करे।आखिर हम है !तो क्या एक इंसान ही है।
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महसूस
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नहीं होता दर्द मुझे, किसी ओर का..
नही होता मुझे ये एहसास किसी ओर का।
बदलती हवा हैं ये दोस्तों ,कोई हमे भी
मिला ना ऐसा....
कभी महसूस करके तो देखिए
कितना अश्क होता है,उस दर्द का अपना।
खुशी में हम साथ रहे,ऐसा चाहो तो किसी का..
उम्मीद करके रखिये,बस आस बनाया इसी का।
कभी ना मुकमल जहां, मिलता है किसी को...
तस्वीर हटा के रखिये,सच्चा दिल का यही है रिश्ता।
महसूस करके देखिए ,दर्द ना सही खुशी में एक रहिए।
साथ अगर दो हर गम में सही मायने में
सही इंसान वही है.....
सही इंसान वही है......
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कविता का भावार्थ
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इस कविता का भावार्थ यही है।की हमें हर बात का और उसके सुख दुख को महसूस करने की क्षमता होनी चाहिए
धन्यवाद
कविता यादव
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