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Hello friends नमस्कार🙏
आज की कविता जीवन में कई कठिनाइयों को शह कर जीवन को जीत लिया उनका जीवन जीना कहलाता है।क्युकी....।
कभी - कभी जीवन में अत्यधिक आराम और बिना किसी उलझनों से जीना जीवन की बहुत सी तकलीफों से नजरअंदाज कर देता हैं,उन्हें जिन्हें आराम और सुख का जीवन मिलता हैं।जीवन में जिन्होंने केवल दुख,कठिनाई, और उलझनों को ही सहा हैं उनके लिए जीवन गुलाबो की
सेज नहीं होती इसलिए अपने आराम मे दूसरों की तकलीफों को नजरंदाज ना करे।
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जीवन यात्रा दुर्गम यात्रा
गुलाबो की शैया नहीं हैं
थककर शीतल ठंडा पानी पीना
पेड़ों की मधुर हवा का संगीत सुनते हुए
दो घड़ी आराम करना
क्योंकि जीवन गुलाबों की शैया नहीं है
हार कर दिल छोटा करके
हताशा व निराशा के साथ में डूब जाना
जीवन के खराब दौर से गुजर कर
फिर उस बुरे दौर से गुजर कर निकल जाना
क्योंकि जीवन गुलाबों की सैया नहीं है
कठिन परिश्रम दृढ़ इच्छा शक्ति रखता
संघर्ष भरे परिणाम भी दे
संभव है न्याय में थोड़ा विलंब हो
पर समय कभी अन्याय नहीं करें
देर जरूर करें विलंब जरूर करें
मेहनत का फल हमेशा लेकिन मीठा दे
क्योंकि जीवन गुलाबों की सैया नहीं है
कभी भी उम्मीद का दामन ना छोड़े
जीवन का पारस मणि आपका आत्मविश्वास है
इस आत्मविश्वास का घबराकर दामन ना छोड़े
मंजिल तक पहुंच जाएगा जरूर
हार कर थक कर अपने सपनों को ना रोंदे
क्योंकि जीवन गुलाबों की सैया नहीं है
परेशानियां उठाई समर्पण रहे
स्वयं को रक्तरंजित कर ले
पर सर अपना तनिक भी झुकने ना दे
देखना है इतिहास देखें संघर्ष सहा
सर कटा लिया पर हारकर सर झुकने ना दिया
क्योंकि जीवन गुलाबों की सैया नहीं है
संसार एक कर्मभूमि कर्म में खुशियां तलाशे
जीवन का प्रतिक्षण एक मधुर पर्व के रूप में मनाए
श्री कृष्ण के शब्द इन कर्तव्य को अपनाए
करके जन जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करें
जीवन को समझे आनंद रूप कर्मभूमि स्वीकार करें
तब जीवन भी क्यों ना हो गुलाबों की सेज
इस कविता का भावार्थ
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जीवन को अगर आरामदायक बनाना हो तो जीवन की राहों में मेहनत का पसीना भी बहाना होगा क्योंकि जीवन गुलाबों की सेज नहीं है ।
धन्यवाद
कविता यादव
🙏
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