HELLO FRIENDS 🙏नमस्कार 🙏
जय श्री कृष्णा
मेरी इस कविता में केवल यही बताया गया है।की कृष्ण कहो या राम इन्होंने भी एक आम इन्सान बनकर धरती पर जन्म लिया और आम मानव जैसा ही जीवन बिताया और सभी का उद्धार किया ,तो हम तो सच में आम इंसान हैं।जब भगवान हो कर कई दुखो का सामना करके भी मुस्कराते रहते थे ,उन्होंने हमें बताया कि किसी भी परेशानी और मुसीबतों का सामना हंस कर करो तो जीवन में कभी हार नहीं मिलती। और आख़िर में इस धरती को छोड़ कर चले गए जबकि वो कण- कण में विधमान हैं।तो हम इंसान को भी एक दिन इस धरती को छोड़ कर जाना ही है,पर कर्म भी अच्छे ही होने चाहिए नहीं तो मुक्ति मिलना संभव नहीं है। क्युकी हम इंसान है भगवान नहीं...किन्तु आजकल कुछ लोग इस तरह पाप करते हैं,मानो स्वयं वो भगवान हैं, और उन्हें किसी बात का डर नहीं है,तो ये पाप नहीं तो और क्या है।
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कृष्ण बासुंरी मन को भाए
उसकी लीला समझ ना आए
जानें क्या - क्या रूप दिखाए
मनमोहन छबि दिल में समाए
देवकी मां ने जन्म दिया
कालग्रह बना जन्म स्थान
पालन लेकिन करी यशोदा
नन्द का दुलारा करे कई अटखेलियां
वृंदावन का आंख का तारा
नटखट करे हज़ारों शैतानी
फिर अगर ना दिखे एक दिन
बनावटी गोपियां करे शिकायत कान्हा की
राधा संग रास रचाए
पर रुकमणी रूप लक्ष्मी का
पत्नी रूप में कृष्ण दिल में समाए
लीला उनकी अजब निराली
राधा रूप में,सच्चे प्रेम की एक अनोठी सिख सिखाए
कंस का करा उद्धार
कोई भी रूप में देखो कृष्ण को
हर रूप में करे पाप का नाश
जन्म लेकर धरती पर
मानव रूप में जीवन अर्जन कर
सारे सुख दुख भोग कर
अपना सब कुछ छोड़ चले गए
जब धरती का उद्धार की खातिर
इंसान रूप में सब शह गए
तो सोचिए हम तो है इंसान
फिर काहे का भ्रम करे
कर्म अगर हो अच्छे तो
उस भगवान के चरणों में ही रहे
कृष्ण की लीला अपरम्पार
रहे हर जगह पर नजर ना आए।
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कविता का भावार्थ
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जब कृष्ण जी भगवान होकर मानव रूप धर कर अपने सभी सुख दुख भोगकर अपना जीवनयापन कर गए और धरती के कन- कन का उद्धार कर गए और रहते हर जगह है।पर नजर नहीं आते तो हम तो एक तुच्छ मानव ही है।तो हमें किस बात का अहंकार है।
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