HELLO FRIENDS 🙏नमस्कार🙏
कविता का शीर्षक कर्म
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आज की मेरी कविता विचारों पर निर्भर हैं।क्युकी सबसे अधिक महत्वपूर्ण बात यह हैं।की हमारे विचारो मे हमेशा स्वतंत्रता होनी चाहिए और ये इतना सरल नहीं है जितना पड़ने मे और सुनने में लगता हैं।इसलिए विचारो मे परिवर्तन पहले अपनी तरफ से होने चाहिए ना की हम दूसरो से एसा चाहने की ख्वाहिश रखे,इसलिए विचार हमेशा अच्छे और सुंदर रखने चाहिए।
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सबसे अधिक महत्वूर्ण बात
स्वतंत्र रहे हमारे विचार
जरूरी नहीं सुनने में लगें
या पड़ने पर अनुभव हो
स्वयं के लिए व्यक्ति लेकिन
वैचारिक स्वतंत्रता रखें
किन्तु यदि हम किसी व्यक्ति को
उसकी राय उसके विषयों पर ही रखे
और विशेष कर हम अपनी राय
मानने पर विवश करें
एसी स्थति हो या कैसी भी स्थति
प्रगति की हो असंभव सी परिस्थिति
महात्मा बुद्ध ने लेकिन कहीं
एक बहुत जरूरी बात
मनुष्य जो सोचता है
एक दिन वही बन जाता हैं।
हमारे विचार एक सीमा पर
इस बात पर निर्भर करता हैं।
हम क्या पड़ते है। और क्या कहते हैं
क्या विचार क्या अनुभव करते है।
संतुष्ट नहीं जब हम होते हैं।
तरह - तरह ज्ञान हम अपने मन से जब करते हैं।
मूर्ख बनने से अच्छा विचारो मे परिवर्तन रखे
अच्छे विचार को रोशनी देकर, अंधेरों से दूर रहे।
ज्ञान की रोशनी यू ही बड़ेंगी
विचारो में ऊर्जा पनपेगी
क्युकी वैचारिक ऊर्जा हमारे
व्यक्तित्व पर एक प्रतिबिंब बनाती
सदा रखे अच्छे विचार
सदा रखे संतुष्ट विचार
कंकड़ भी ना फिर चुभ सके
और जीवन में हो खूबसूरती से निखार
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कविता का भावार्थ
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विचार हमेशा अच्छे रखने चाहिए क्युकी हमारे विचार ही हमें हमारे जीवन के बदलाव में बहुत काम आते है।इसलिए अच्छे विचार रखे और अच्छे बने।
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धन्यवाद्
🙏
कविता यादव
🙏🙏
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