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आगे बडीए (शीर्षक)


 हँसो मुश्करओ

                      जीवन की यही रीत है.....।


Hi friends 👋 namskar 🙏

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दोस्तों जीवन में हार,जीत सुख दुख लगा रहता है।इनको भूल कर जीवन में आगे बड़ीए ...क्युकी ये जीवन है जिनके जीवन में दुखो का पहाड़ टूट गया हो, सोचिए उनका जीवन केसे चलता होंगा...इसलिए आगे बड़े ....


आगे बाडीए

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 हँसो मुश्करओ

                      जीवन की यही रीत है

गम को भूल जाओ

आज की अपनी जीत है.....।

वक्त को ना पकड़ो

                        ये वक्त बड़ा गमगिन है.....।

ना उलझो उन उलझनों में

                       जो हर पल हर दीन है......।

आज कल की दिनचर्या मे

                        हर इन्सान मतलवी है......।

 नहीं मिलता वक्त किसी को

                         सब अपने मे लीन है........।

  पकड़के रखो इसको

                         भैया ये हमसे क्यों भिन्न है

इसकी चाल को थाम के रखो

                          ये ना कोई जिन है......।

अगर इसे ह। थाम के रखे

                           तो समझो बस जीत है.......।

माना थोसा मुश्किल है

                           पर ना मुमकीन तो नही है.......।

हर काम को समय पर करके

                           समय पर अपनी जीत है.........।

हँसो मुश्करओ जीवन

                          की यही रीत है.........।

खत्म हो गयी मेरी कविता

                          सबको वक्त की एक सिख है.......।

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कविता का भावार्थ

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कविता का भावार्थ यही है कि जीवन की परेशानियों और दुखो से हारकर रुकिएगा नहीं...ये जीवन है और जीवन बड़ने का नाम हैं....इसलिए आगे बडीए

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                                  धन्यवाद

                               कविता  यादव



 


धन्यवाद

🙏🙏कविता यादव🙏🙏

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