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तकलीफ़ सहते है।( शीर्षक)

 तकलीफ सहते है!पर शिकायत नहीं करते है।

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कुछ लोगो को हम हमारी जिंदगी में कुछ समझते नहीँ

तकलीफ सहते है।पर कोई शिकायत करते नहीँ।


क्यों अपने पर गुमान किया करते है।

कुछ लोग क्यों दुसरो को दर्द दिया करते है।


भूतकाल की तकलीफों को गिना करते है।

वर्तमान भी खराब किया करते है।

ओर भविष्य का भगवान भी खुदको ही समझते है।


हम इसलिए अपनी जिंदगी में कुछ लोगो को कुछ

समझते नही।

तकलीफ सहते है,पर शिकायत कुछ करते नही।


हमारे हाथों में वो छल की लकीरें नहीँ

दूसरी ! किस्मत भी हमारी कुछ खास नही।


फिर भी किसी को कोई दर्द देते नहीँ

इसलिए हम इंसान है।बस भगवान किसी के बनते नही


इसलिए कुछ लोंगो को हम कुछ समझते नहीँ

तकलीफ सहते है पर शिकायत करते नही.......

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कविता का भावार्थ

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तकलीफ़ सहते पर शिकायत नहीं करते।जिसको जो चाहे वो बोलने दिया क्युकी आज उनका दिन है।इसलिए जब समय आएगा ,तब समय ही बताएग की ज्यादा भगवान बनने से अच्छा एक सही इंसान बन जाते

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धन्यवाद

कविता यादव

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