हेलो दोस्तों नमस्कार
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आज की मेरी ये कविता जीवन के जुड़े कई पहलुओं को दिखाती है,जिसमे बताया गया है कि रिश्ते से ज्यादा लोग आजकल दिखावा और धन दौलत को येहमियत देता है।इसलिए दोस्तों रिश्तों में मजबूती लाना है,तो उसे महत्वूर्ण स्थान देना सीखो वर्ना जीवन में अकेले ही रह जाने के सिवा कुछ नहीं रह जाता है।इसलिए सबको उसकी ही जगह पर रहने देते हुए उसे सभी प्रकार से प्यार दीजिए।क्युकी सब की कीमत अपनी जगह महत्वूर्ण है।
कविता का शीर्षक कीमत
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गुलाब की खुश्बू मोगरे से कम ही होती है
पर गुलाब की कीमत मोगरे से ज्यादा होती है!!!
जो निभाया कर्तव्य सही इंसान ने
फ़र्ज नीभाया मेहनत ने
पर बेइमानी से जो राज करे
वहां मेहनत की कीमत कम ही होती है!!!
काम करे घर की नारी
नर कमाई करते है!!!
पर नारी की कीमत हमेशा
नर से कम ही होती है!!!
सूरज रोशनी करता है,
चांद रात में आता है!!!
पर लाखो तारो की कीमत
सूरज ओर चांद से कम होती है!!!
जो नीभाया कर्तव्य सही इंसान ने
फ़र्ज नीभाया मेहनत ने!!!
पर बेईमानी से जो राज करें
वहां मेहनत की कीमत कम ही होती है!!!
माँ दिन रात बच्चे की फिक्र करे
रात का खाना बेटा खा कर आये!!!
भूखी माँ से कोई ना पूछे,
खाना निकाल पत्नी रखे
जन्म दी माँ की कीमत पर फिर क्यों कम ही होती है!!!
हर जगह हर डगर कोई रिश्ता दिल से ना जुड़े
पर आजकल दिखावें की कीमत रिश्तो से ज्यादा ही है!!!
ना जाने क्यों दिल की कीमत
पैसों से कम ही होती है!!!
🙏धन्यवाद🙏
🙏कविता यादव🙏
Kimat (shirshk)Kavita
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Gulab ki khushbu mogre se kam hi hoti hai
Par gulab ki kimat mogare se jyada Hoti hai...!!
Jo nibhaya kartvya sahi insaan ne
Farz nibhaya mehanat ne..!!
Par beimani se jo raaz kare
Vnhaa mehnat ki kimat kam hi hoti hai..!!
Kaam kare ghar ki naari
Nar kmaai karte hai
Par naari ki kimat hamesha
Nar se kam hi hoti hai...!!
Suraj roshni Karta hai
Chand Raat me aata hai
Par laakho taro ki kimat
Suraj or Chand se kam hi hoti hai...!!
Jo nibhaya kartvya sahi insaan ne
Farz nibhaya mehanat ne..!!
Par beimani se jo raaz kare
Vnhaa mehanat ki kimat kam hi hoti hai..!!
Maa din raat bachho ki fikr kare
Raat kaa khana beta bhaar se khakr aaye..!!
Bhukhi maa se koi naa puche
Bas khaana Nikal patni rakhen
Janm di Hui maa ki kimat had hai
Vnahaa khu kam hi hoti hai..!!
Har jagah har dagar koi bhi rishta dil se naa jude..!!
Kyuki aajkal rishton se jayada dikhave ki
Kimat par bahut adhik hoti hai..!!
Naa jaane kyun har jagh
Dil ki kimat ..!!
Peso se kyu kam hi hoti hai..!!
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कविता का भावार्थ
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कविता का भावार्थ ,कीमत यानी महत्व हमेशा उसको देना चाहिए जो हकीकत में उसका हकदार हैं,ना की काम करे कोई और क्रेडीट ले जाए कोई और ,एसा तो बिल्कुल नहीं होना चाहिए,,,आखिर में सही इंसान का कोई तो ईमान होना चाहिए कि सही को सही और ग़लत को गलत बोले.....नहीं
हा मगर बेईमान एसा करे तो बोल सकते है,व्यक्ति था ही ग़लत
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Thank you
Kavita yadav
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