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मार्च, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

लोग निराले होते हैं..(शीर्षक)

 Hi 👋 friends  आज की मेरी कविता लोगो के स्वभाव पर आधारित है। जहा लोग पल - पल मे अपने स्वभाव को बदलते रहते है।उसके साथ ही अहंकार का चादर ओढ़ कर अपनी पैर के नीचे की चादर को भूल जाते है। और उसी मे मग्न रहते है,तभी तो मैने इन्हे कहा की एसे लोग तो गजब और निराले होते है। लोग निराले होते है(कविता) *********************** छु लेते है जो दर्द किसी का  लोग निराले होते है जो साथ रहे पर साथ ना दे,  ये अजब सी बाते लगती है साथ देने पर भी दिल को दुखाये ,  लोग निराले होते है छुलेते है,जो दर्द किसी का  लोग निराले होते है... चलते- चलते जो राहै बदले , मोड़ पे बाते होती है अनजाने में फिर मिल गए, ये सोच के क्यों ये हस्ते है हम छोटे है एहसास ये दे, ये उनकी अकड़ ही दिखती है छुलेते है,जो दर्द किसी का  लोग निराले होते है। पलपल जीने ना हमको दे ये  केसी आदत लगती है इंसान के रूप में ये हमे डराए, ये शक्ल भी अजीब ही लगती है बिना किसी के ये हक आजमाए ये थानेदार क्यों बनती है। छुलेते है जो दर्द किसी का लोग निराले लगते है। *********************************************** कविता का भाव...

व्यवहार (शीर्षक)

 HI FRIENDS👋 नमस्कार       💐💐💐💐💐🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ये आप सब के लिए ....    दोस्तों एक व्यवहार ही है।जो हमें ये दिखा देता है की क्या अच्छा है क्या बुरा ? इसलिए अपना व्यवहार हमेशा अच्छा रखे .... इसी पर आधारित कविता व्यवहार पड़िये ओर बताइये आप सब को केसी लगी........           कविता का शीर्षक व्यवहार     ****************************** ना मिले किसी से इतना ,कि वो प्यार ही ना रहे। दूर इतना भी ना रहे,की बेकार कहलाये.. अपने व्यवहार को कुछ, इस तरह बना लिया हमनें। की हमको कोई बुरा कहे ,ऐसा ना कुछ किया हमनें अपने व्यवहार में मिठास, इतनी भी ना घोली। की उसे चापलूसी का नाम मिला.. ओर ना इतनी कड़वाहट मिलाई की घमंड का कोई मेडल मिला.... जब भी मिले सयम बना के रखा.. बुरा कहे इससे पहले ही,उसे अपना कहा साथ ना दे कोई भले ही पर अपनी भलाई का दामन ना छोड़ा... दिया संस्कार अपने बड़ो ने कुछ ऐसा की दर्द दूसरों को होए तो क्यों  अपनी आँखे भी रोये.... दो पल की जिंदगी है,दोस्तों ना हम रोये ना तुम रोये...... कविता का भावार्थ **************** अपना व्यवहार...

अपना ज़मीर (शीर्षक)

 Hi friends👋नमस्कार🙏 ***************************** कविता का शीर्षक मान ईमान फ्रेंड्स आज की कविता मान ओर ईमान पर आधारित है।जिसकी कमी ना जाने क्यों कम सी होती जा रही है?और अगर ऐसा ही रहा तो व्यक्ति दो घड़ी साथ बैठकर अपने दुख दर्द किस्से बांटेगा....!इसलिए friends इतने स्वार्थी ना बने की सबके रहने पर भी अकेले रह जायेंगे....।।।।                      मान ईमान नहीँ                  ***************** उम्मीद बया करती है हर बात अल्फाज़ कम पड़ जाते है.. बयां करने में..... हर बात की कोई मंजिल नहीँ मेहनत भी ना कोई काम आई आजकल की दुनिया में ईमान का कोई मान नहीं.....।। कोशिश करते हैं तोड़ने में इतना पसीना बहाया है ना जाने कहा गयी मेहनत बस तकलीफो का ही आलम है...।। ये बात मगर सच हो गयी दुनिया बहुत बदल गयी है पहले से कोई दिलदरिया नहीं कोई मन में समंदर नहीँ ओर आखो में वो प्यार और मोहब्बत नहीँ...।।।। *************************************************कविता का भावार्थ *************** कविता का भावार्थ यही है...

कीमत (शीर्षक)

                हेलो दोस्तों नमस्कार ****************🙏**************  आज की मेरी ये कविता जीवन के जुड़े कई पहलुओं को दिखाती है,जिसमे बताया गया है कि रिश्ते से ज्यादा लोग आजकल दिखावा और धन दौलत को येहमियत देता है।इसलिए दोस्तों रिश्तों में मजबूती लाना है,तो उसे महत्वूर्ण स्थान देना सीखो वर्ना जीवन में अकेले ही रह जाने के सिवा कुछ नहीं रह जाता है।इसलिए सबको उसकी ही जगह पर रहने देते हुए उसे सभी प्रकार से प्यार दीजिए।क्युकी सब की कीमत अपनी जगह महत्वूर्ण है।                   कविता का शीर्षक कीमत               ************************ गुलाब की खुश्बू मोगरे से कम ही होती है पर गुलाब की कीमत मोगरे से ज्यादा होती है!!! जो निभाया कर्तव्य सही इंसान ने  फ़र्ज नीभाया मेहनत ने  पर बेइमानी से जो राज करे वहां मेहनत की कीमत कम ही होती है!!! काम करे घर की नारी  नर कमाई करते है!!! पर नारी की कीमत हमेशा  नर से कम ही होती है!!! सूरज रोशनी करता  है, चांद रात मे...

अहंकार का ज़बाब उप्पर वाला देता है(शीर्षक)

 Hi friends👋नमस्कार🙏 *************************** कविता का शीर्षक मन ************************ Hi friends नमस्कार आज जो कविता है,वो उन लोगो पर है।जिन्हें अपने पर इतना गुमान होता है।कि वो समझते है।कि हम सही है,ओर हमसे बड़ा कोई नही है। डर क्या होता है।ये तो उन्हें पता ही नही रहता ,इसलिए फ्रेंड्स अहंकार व्यक्ति को उसकी असली पहचान समय आने पर बता देता है।क्योंकि समय बड़ा बलवान होता है।ओर उसके मन की गंदगी क्या है।वो भी दिखा देता है।। इसलिए फ्रेंड्स मन को हमेशा साफ रखिये .....   वे काम का गुमान ,मन रखे साफ(कविता) *********************************** कुछ लोग रंग बदल कर सामने आते है। अपनी औकाद से कुछ ज्यादा सोंचते है। अपनी अकड़ का गुमान कर डराते है। ऐसा लगता है,सामने कुछ ज्यादा बनाते है। मेरी समझ से कुछ परे, कुछ अजीब है। वास्ता भगवान से रखते है।पर स्वार्थ बस अपना देखते है..... देखिए कितने निराले होते है,मोत भी दूसरों  की ये बोलकर लिखते है.. अपनी जिंदगी शायद इन्हें पसंद नही उसकी जब पड़ती है,तो सारी अकड़ यही.. इंतजार कर ,तेरा गुमान यही खत्म होंगा जितना दर्द दिया है,वो तुझे जरूर चुकाना हों...

अपने नाम लेटर ,प्यारा सा..(शीर्षक )

 Hi friends 👋नमस्कार🙏  ****************************** आपने कभी अपने आप को लेटर लिखा है... क्या कहा नही ???.. या शायद लिखा हो...।आप ये कहेंगे Hello friends 👍🤞 💐💐💐💐💐💐💐 तो दोस्तों तो चलिए आज अपने लिए अपने अस्तित्व को जाग्रत करते हुए अपनी खुशी के लिए खुद को एक प्यारा सा लेटर लिखते है...। मैंने अपने लिए ये लेटर लिखा है।चलिए आप भी समय निकाल कर खुद के लिए एक दिन दे है..। ओर उस लेटर को खुद के नाम करते है। तो क्या कहते हो friends लिखे लेटर अपने आप के लिए.....तो चलिए चलते है...लेटर अपने लिए....👍👍👍👍👍👍💐💐💐💐💐💐   कविता का शीर्षक#Love letter to self *********************************** * 👌👌👌प्यारी कविता, केसी हो तुम          मुझे पता है तुम खुश मिजाज़ हो             तो हमेशा ही खुश रहो......         *************************👌👌👌👌 खुद को खोकर खुद को पाया है मैंने हर रिश्ते को बड़े प्यार से निभाया है मैंने बहन,बेटी,पत्नी जो भी ये प्यारे रिश्ते है दिल से अपनाया  है मैंने थोड़ी भोली,थोड़ी...

आगे बडीए (शीर्षक)

 हँसो मुश्करओ                       जीवन की यही रीत है.....। Hi friends 👋 namskar 🙏 ****************************** दोस्तों जीवन में हार,जीत सुख दुख लगा रहता है।इनको भूल कर जीवन में आगे बड़ीए ...क्युकी ये जीवन है जिनके जीवन में दुखो का पहाड़ टूट गया हो, सोचिए उनका जीवन केसे चलता होंगा...इसलिए आगे बड़े .... आगे बाडीए ***********  हँसो मुश्करओ                       जीवन की यही रीत है गम को भूल जाओ आज की अपनी जीत है.....। वक्त को ना पकड़ो                         ये वक्त बड़ा गमगिन है.....। ना उलझो उन उलझनों में                        जो हर पल हर दीन है......। आज कल की दिनचर्या मे                         हर इन्सान मतलवी है......।  नहीं मिलता वक्त किसी को           ...

डरना जरूरी है.. प्रतेक के लिए(शीर्षक)

Hi Friends👋 नमस्कार 🙏 ************************************  frinds हम इंसानो में एक डर जरूर होना चाहिए।क्योंकि यही डर हमें प्रत्येक गलत कार्य को करने से रोकता है।इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के मन मे एक डर होना जरूरी है।वो भी उसकी भलाई के लिए ही...... उसी सही डर पर आधारित कविता पढ़ियेगा ओर बताइयेगा केसी लगी......        कविता का शीर्षक-- डर    *********************************** "ऊंचाइयों से नही गिरने से डरते है अपने फर्ज से नही, हार ना जाये इसे डरते है।" जिंदगी भी क्या डर की सहेली है मिले तो वो साथ !तो डर साथ निभाएगा। चले तो डर,रास्ता कट तो जाएगा, जिंदगी डर की केसी सहेली है..... हँसे तो रहे डर!की खुशी कम तो ना कर जाएगा, ये डर और दर्द का कैसा रिश्ता है। की!जिंदगी डर के साथ मिला है, आशुओँ का इसके साथ गहरा रिश्ता है। हम जीवन अपना आसानी से कहा जीते है। कमबख्त! परेशानियों ओर उलझनों में घिरे रहते है। ये जीवन का कैसा डर है!जिसमे सब सह लेते है। खुशनसीब है।जिन्हें कोई डर नही.... दोस्तों कल क्या होंगा .... पर ये डर ,अब भी वही ... पर ये डर अब भी वही.... *************...

आज की नारी सब पर भारी (शीर्षक)

 HI FRIENDS👋 नमस्कार🙏 *******************************  आप सभी को women's day की शुभामनाएं                 कविता का शीर्षक नारी          ************************** आप सभी को तो पता ही है।आज की नारी बहुत आगे निकल गयी है,सभी जंजीरों को तोड़ कर आगे बढ़ रही है।घर से लेकर अंतरिक्ष तक जा चुकी है। आज की नारी किसी भी पुरुष से, किसी भी कार्य मे पीछे नही है।👏👏👏👏👏👏👏👏 💐💐💐💐💐सत सत नमन आज की नारी को🙏🙏🙏🙏🙏🙏             आज की नारी हूँ(कविता) ********************* मंजूर नही मुझको ,कोई कमजोर बताए... मंज़ूर नही मुझको ,कोई मेरा दिल दुखाये... रास्तो पर चलना !मुझको आता है। हा.... एक नारी हूँ, जबाब मुझको भी ,देना आता है। तकलीफ सहती हूँ ,पर कुछ कहती नही हुँ हर वक्त घर में हूँ, फिर भी उल्हाना सहती हूं तू मेरे काबिल तो बन,मुझको बदनाम करने वाले... तू हर वक्त बहार रहता है,तेरे से ज्यादा तेरी पहचान  रखती हूं..... ना कर कमज़ोर बनाने की बाते,की में आज तुझसे ज्यादा हर जगह में रहती हूँ... अगर में ...

आम तो हूं,पर कुछ खास ही हूं(शीर्षक)

 Hi friends👋नमस्कार🙏 *************************** आज की कविता आम पर.......अरे...अरे....वो आम नहीं जिसे आम व्यक्ति कहते है। ये आम है... Mango.. fruits.... मतलव आम फल गर्मियों का सबसे अधिक पसंद करने वाला फल, फलों का राजा जिसको खाना कोन नहीं पसंद करता.. है ..न ....friends तो अब इंतजार किस बात का है। गर्मियां शुरू होने वाली है , और आम खाने के दिन आने वाले हैं,तो गर्मियों को आम के साथ कुछ आम तरीके से मनाए ...जैसे कोई त्यौहार आम हूँ, पर कुछ खास ही हूँ😋😋😋😋😋 ********************************** गर्मी आई गर्मी आई उमस भी देखो साथ लाई नहीं कुछ लगता है अच्छा,पसीना आता है बेकार लाइट जाए तो सभी को, ओर भी करदे लाचार हँसने को कोई बोले तो ,दे दे उसको थप्पड चार अगर रहे कूलर ऐसी तो समझो अपने मज़े आ गए बैठे टी.वी.के सामने ओर दो चार मस्त आम खा गए.. छोटे-छोटे पिले -पिले, मीठे चूसे इसको पहले या फिर बड़ा एक आम लाये, काट ले और फिर खाये छोटे हो या बड़े हो आम तो लेकिन सब ही खाए अगर बना हो इसका रह,तो और भी मज़ा आ जाए अमचूर, केरी,या खटाई,इसको खाते है ऐसे भी आम खाने के रूप अनेक ,रस पूड़ी तो बहुत जरूरी आम ये एक...

कर्म सुधारिए (शीर्षक)

  Hi 👋 friends नमस्कार 🙏 **************** कविता का शीर्षक कर्म **************************** आज मैने जो कविता लिखी हैं,बस उसमें यही बताया है, मैने की कभी किसी का बुरा मत कीजिए क्युकी ये बुराई लोट कर आपके पास ही आती हैं,आज हंसेंगे,कल भी हंसोंगे पर कब तक, और किसी को परेशान करोगे वो भी कब तक क्युकी आप अपनी बुराई अपने आप से छुपा लोगे पर क्या उस उप्पर वालो की नजर से बच पाओगे,नहीं ना ....। तो अपने क्रम सुधारिए और कुछ नही..। ********************************************* हज़ारों ख्याबो को टूटते देखा हमने हां आशुओं को ज़मीन पे गिरते देखा है हमने तकल्लुफ करते - करते रह गए कई बातों के लिए हां तमन्नाओं को टूटते देखा हमने....। मंजिल की तलाश में दिन रात किया हमने हां मेहनत से सही राह पर चलने के लिए हमने मिले एसे भी और मील रहे हैं,आज तक ये कैसे बड़े और क्यों बड़े की जुगाड में लगे है,अब तक सच मे कुछ लोग जीवन में सही में बेकार होते हैं आप जीवन भर रोते रहे बस यही फ़िराक़ मे रहते हैं। इतने रहम दिल और दयावान हम भी नहीं हैं हम भी यही है और तुम भी यही और देखते है तुम्हारे कर्म तुम्हारे कितने नसीब में ह...

कोरोना काल और जीवन में बदलाव(शीर्षक))

                    Hello Friends                           नमस्कार                              🙏                     **************              हास्य कविता करोना काल           **************************  Hi friends ये कविता हास्य कविता है ,कोरोना पर आधारित, जिसने सभी के जीवन पर कुछ ना कुछ प्रभाव जरूर छोड़ा है।तो पड़िये कविता और लुफ्त उठाइये,ओर एक लाइन कमेंट करके जरूर बताइये की कोरोना काल से आपके जीवन मे क्या प्रभाव आया है। कोरोना काल और जीवन मे बदलाव(हास्य कविता) *************************** आज सुबह जब उठा तो मैंने पत्नी जी से चाय मंगाई पत्नी जी चाय बनाकर  दो घण्टे के बाद लाई हमनें फिर मन मे ही बड़े-बड़े सपनो को सँजोया शायद चाय के साथ आज बिस्तर पर ही ब्रेकफास्ट मिलेंगा आज तो बार...

आम ही हूं!पर कुछ खास ही हूं (शीर्षक

 Hi friends👋नमस्कार🙏 ************************             आज की कविता का शीर्षक                              आम                    *************** पर.......अरे...अरे....वो आम नहीं जिसे आम व्यक्ति कहते है। ये आम है... Mango.. fruits.... मतलव आम फल गर्मियों का सबसे अधिक पसंद करने वाला फल, फलों का राजा जिसको खाना कोन नहीं पसंद करता.. है ..न ....friends तो अब इंतजार किस बात का है। गर्मियां शुरू होने वाली है , और आम खाने के दिन आने वाले हैं,तो गर्मियों को आम के साथ कुछ आम तरीके से मनाए ...जैसे कोई त्यौहार आम हूँ, पर कुछ खास ही हूँ 😋😋😋😋😋 **************************** गर्मी आई गर्मी आई उमस भी देखो साथ लाई नहीं कुछ लगता है अच्छा,पसीना आता है बेकार लाइट जाए तो सभी को, ओर भी करदे लाचार हँसने को कोई बोले तो ,दे दे उसको थप्पड चार अगर रहे कूलर ऐसी तो समझो अपने मज़े आ गए बैठे टी.वी.के सामने ओर दो चार मस्त आम खा गए.. छोटे-छोटे पिले -पिले, ...

माता- पिता नहीं तो कुछ नहीं (शीर्षक)

 #TakechargeMaa ,papa....?             ✍️हेलो दोस्तों नमस्कार...🙏 हर इंसान में एक सुपर पावर होती है।जिसका प्रयोग वो समय आने पर खुदबखुद करता है।💪 ओर ये सुपरपावर उसके अंदर होती है। मेरी माँ! उनकी सुपरपावर भी उनकी सोच में है!वो जब भी जो सोचती है।हमेशा सकारात्मक ही सोचती है।कई बार ऐसा हुआ है ।कि में या मेरे भाई बहन में से जब भी किसी बात का फैसला लेना होता है। जैसे में ये काम करू की नही, उस बक्त मेरी माँ बोहोत आसानी से कहती है।बेटा ऐसा नही ऐसा करो।मतलव प्रोबलम सॉल्व" है ना कितना आसान" जब मेरा कॉलेज में एडमिशन हुआ तो हमारे पहचान वाले सब बोलने लगे लड़की को इतनी दूर भेजोगी डर नही लगता आजकल का माहौल केसा हो रहा है। तब मेरी माँ ने कहा मेरे बच्चे👨‍👩‍👦‍👦 दुनिया के किसी भी कोने में जाये ,मुझे मेरे बच्चों पर पूरा विशवास है ।मेरे बच्चे कभी कुछ गलत नही करेंगे। ओर कहा  ..👨‍👩‍👧‍👧.मेरे बच्चे ही मेरे सुपर पावर है।मेरी फेमली ही मुझे वो सुपर पावर देती है जो मुझे कभी कुछ गलत सोचने पर मजबूर नही करती।ओर हम बच्चों ने भी उनकी इस सुपर पावर का कभी कोई गलत उपयोग नही क...

धन सब कुछ नहीं होता(शीर्षक)

 Hi friends 👋 नमस्कार🙏 ************************                 कविता का शीर्षक                          धन               *****************   हमारे दैनिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए धन सबसे शक्तिशाली माध्यम हैं,जिससे आरामदायक व ऐश्वर्य की वस्तुएं खरीदी जा सकती हैं।वह धन ही है,जिसके द्वारा हम अपनी रोटी, कपड़ा,मकान की आवश्यकता को पूर्ण करते हैं।ये जीवन का एक कटु सत्य है।पर दूसरी और ये भी सत्य है कि मानव जीवन का आदि व अंत धन नहीं है। धन ही सब कुछ नहीं पर धन जरूरत है बिना धन कोई काम ना होए पर धन रिश्ते भी तो तोड़े। धन की जरूरत हर किसी को पर अत्यधिक धन अहंकार भी तो पैदा करें जरूरी नहीं कि अहम सब मे आए पर थोड़ी सी शर्म,हया, और दुसरो के लिए दया की भावना तो रखे।  धन से आप सब कुछ खरीद सके पर धन से अनिष्ठा और आत्मसम्मान ना पा सके धन से शांति नहीं खरीद सकते पर धन से एशो आराम खरीद सकते हैं। मानव जीवन को धन द्वारा अमर नहीं बना सकते फिर भी बहुत ...

सब्र करते - करते(शीर्षक)

Hi friends 👋 नमस्कार🙏 ************************ आज ये जो कविता मैने लिखी हैं, सब्र पर आधारित है।कोई व्यक्ति जब हताश और दुखी होता है।तब उसे बस एक ही बात बोला जाता हैं।सब्र रखिए पर आप भी और में भी ये बात अच्छी तरीके से जानते है।की बोलना आसान है,की   सब्र रखिए पर बहुत मुश्किल होता हैं,अपने दुख और तकलीफ़ के साथ जीना ।   इसलिए ये बोलने से अच्छा की सब्र रखिए उस व्यक्ति की मदत करिए उसके दुखो को कुछ तो कम करने की कोशिश करिए ,जीवन चार दिन का तो होता हैं ,थोड़ा इंसान बनिए और अहंकार को दूर करिए और अगर ये भी नहीं तो please किसी की परेशानियों का ना मजाक उड़ाइए और ना उस व्यक्ति के साथ खड़े होये,क्युकी हताश व्यक्ति एक बार गिरेगा दो बार गिरेगा बाकी अपने को वो स्वयं सम्भाल लेगा ,वो जानता है की जीवन उसका है और हर तकलीफ़ से लड़ना उसकी जिम्मेारी हैं। सब्र करते - करते  ************** सब्र करते - करते बहुत सह लिया एक बात तो सिख गए सब्र इम्तिहान बहुत लेता है....।  चाहे कितना भी दिल में हो  बस बर्दास्त करने का  सलीका सीखा देती हैं...। ये सब्र ही है,जो इंसान को कठोर बना देता ...

आज की नारी सपे भारी(शीर्षक)

 HI FRIENDS👋 नमस्कार🙏************************ आज की  बहुत आगे निकल गयी है,सभी जंजीरों को तोड़ कर आगे बढ़ रही है।घर से लेकर अंतरिक्ष तक जा चुकी है। आज की नारी किसी भी पुरुष से, किसी भी कार्य मे पीछे नही है।👏👏👏👏👏👏👏👏 💐💐💐💐💐सत सत नमन आज की नारी को🙏🙏🙏🙏🙏🙏     आज की नारी हूँ(कविता) *** ********************* मंजूर नही मुझको ,कोई कमजोर बताए... मंज़ूर नही मुझको ,कोई मेरा दिल दुखाये... रास्तो पर चलना !मुझको आता है। हा.... एक नारी हूँ, जबाब मुझको भी ,देना आता है। तकलीफ सहती हूँ ,पर कुछ कहती नही हुँ हर वक्त घर में हूँ, फिर भी उल्हाना सहती हूं तू मेरे काबिल तो बन,मुझको बदनाम करने वाले... तू हर वक्त बहार रहता है,तेरे से ज्यादा तेरी पहचान  रखती हूं..... ना कर कमज़ोर बनाने की बाते,की में आज तुझसे ज्यादा हर जगह में रहती हूँ... अगर में ममता का रूप हूँ... तो क्रोध में दुर्गा भी बन सकती हूँ। जलाने की तुझको मूझे जरूरत नही। की अब ना ...कहने की में हिम्मत रखती हूं.... में दुखी पर्दे के पीछे भी रह सकती हूँ.. पर आज की नारी हूँ जबाब अब .. में भी दे सकती हूँ... ************...

तकलीफ़ सहते है।( शीर्षक)

  तकलीफ सहते है!पर शिकायत नहीं करते है। ************************************* कुछ लोगो को हम हमारी जिंदगी में कुछ समझते नहीँ तकलीफ सहते है।पर कोई शिकायत करते नहीँ। क्यों अपने पर गुमान किया करते है। कुछ लोग क्यों दुसरो को दर्द दिया करते है। भूतकाल की तकलीफों को गिना करते है। वर्तमान भी खराब किया करते है। ओर भविष्य का भगवान भी खुदको ही समझते है। हम इसलिए अपनी जिंदगी में कुछ लोगो को कुछ समझते नही। तकलीफ सहते है,पर शिकायत कुछ करते नही। हमारे हाथों में वो छल की लकीरें नहीँ दूसरी ! किस्मत भी हमारी कुछ खास नही। फिर भी किसी को कोई दर्द देते नहीँ इसलिए हम इंसान है।बस भगवान किसी के बनते नही इसलिए कुछ लोंगो को हम कुछ समझते नहीँ तकलीफ सहते है पर शिकायत करते नही....... ************************************************* कविता का भावार्थ ***************** तकलीफ़ सहते पर शिकायत नहीं करते।जिसको जो चाहे वो बोलने दिया क्युकी आज उनका दिन है।इसलिए जब समय आएगा ,तब समय ही बताएग की ज्यादा भगवान बनने से अच्छा एक सही इंसान बन जाते ********************************************** धन्यवाद कविता यादव

जीवन का स्त्य अंत(शीर्षक)

    Hi friends ✋नमस्कार **************🙏**************   मेरी आज की कविता जीवन की सच्चाई बताती है कि कोई कुछ भी करे पर आप तुच्छ बाते और तुच्छ सोच रखने वालो से बात ना करे क्युकी एसे लोग आपके किसी काम के नहीं होते है।ये आख़िर मे केवल धोखा ही देते है...बस धोखा... ********************************************* जीवन का सत्य अंत(शीर्षक) ************************ तुच्छ बाते तुच्छ अफ़सोस ना करिए आंखे मूंदकर गलतियों का हार ना पहनिए मुड़कर देखने वाला कोई होता नहीं अपने जज्बातों को अपनो तक ही रखिए महज़ खोलकर रख दीजिए अपने अरमान पर ध्यान से विश्वास की किताब खोलिए आशुओं की धार दिल से जुड़े होते है अपने अहसास जाहिर ना कीजिए कमी निकालने वाले मिलेंगे हज़ार  कोई तकलीफ़ समझे उसे ढूंढिए  पता चलता कहा अपनो की बातो से पर हरेक पर विश्वास भी मत करिए हम हाथ ढूंढे कांधे पर समझने वाला पर पीठ पीछे हंसी उड़ाते है बहुत बहुत नजदीक से देखा है,जिंदगी को की आजकल अपने को भगवान समझते है,लोग बोहत कहने को कहे लाख बुराई  अपने पे जब आई तो आंख ना मिलाई कोई अहंकार में डूबा तो कोई धन - दौलत के दिखावे...