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फ़रवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रिश्ते संभालिए(शीर्षक)

  हेलो👋 friends नमस्कार🙏                कविता का शीर्षक                        रिश्ते                ************* आज की मेरी जो कविता है।वो रिश्तों पर आधारित है। friends हमारे जीवन मे जो भी हमसे जुड़े रिश्ते होते है,वो चाहे माता,-पिता ,भाई-बहन ,का जो भी रिश्ते होते है।उसे हमे दिल से निभाना चाहिए। क्योंकि कोई भी परेशानी आये या कोई तकलीफ यही रिश्ते हमारे काम आते है। कोई और रिश्ते नही  इसलिये अपनो को ओर अपने रिश्तों को संभाल कर रखिये। कोई भी रिश्ता दिल से निभाये❤️(कविता) ********************************** चंद फूलो को तोड़के, पौधे नही मुरझाते... आश किसी को देके ,जब अपने मुकरजाते। दिल दुखता है,की तू मेरा एक है... पर मील ना सात जन्म दिल से दुआ है। मेरा प्यार राधा की तरह नहीं ,जिस पर हक राधा का है हम तो वो मीरा है,जिसने उस श्याम को पाने की खातिर जहर का प्याला पी लिया। इसलिए किसी तरह के रिश्ते निभाना हो तो तो प्रेम से निभाओ , वरना ना राधा, बनो ना...

चाय (शीर्षक)

🌹🌹हेलो दोस्तों नमस्कार🌹🌹  आप को पता है।ना...हम भारतीयों को सुबह उठते ही क्या चाहिए ...बताइये,बताइये  अ पने दिमाग पर ज्यादा जोर मत डालिये में बता देती हूं,वो है चाय☕️ हमें सुबह कुछ मिले या ना मिले एक कप चाय,चाय चाहे जैसी भी हो चलेगी ,मतलब ग्रीन टी,ब्लैक टी,मतलब किसी भी रूप में हो चाय तो होना ही है। और चाय के साथ कोई भी नास्ता दे दीजिए ,फिर तो समझो सोने पर सुहागा हो जाएगा, वैसे चाय पीने से एक ताजगी और स्फूर्ति भी बनी रहती है...पर अति तो हर चीज़ की बेकार होती है। चाहे वो किसी की भी है.... पर खाली समय ,शाम का वक्त ,हाथ मे अपनी favourite book ओर tea यानी चाय ना हो सम्भव ही नही...I like tea and you like it or not, tell me वो चाय☕️ में धीमे से डुबोकर तुझे मेरा दिन बन जाता है। वो बिस्कुट मुझे ,बहुत याद आता है..... वो बिस्कुट मुझे, बहुत याद आता है..... में बिस्कुट की दीवानी.....टिंग टोंग....👌👌 पर चाय तो है।महारानी...टिंग टोंग...😊😊 चाय पीजिये पर कम ही अपना ख्याल भी तो रखना है...... धन्यवाद कविता यादव

Good morning (शीर्षक)

Hello Friends नमस्कार *******************              कविता का शीर्षक उठो लाल उठो लाल अब आँखें खोलो, पानी लायी हूँ मुंह धो लो। बीती रात कमल दल फूले, उसके ऊपर भँवरे झूले। चिड़िया चहक उठी पेड़ों पे, बहने लगी हवा अति सुंदर। नभ में प्यारी लाली छाई, धरती ने प्यारी छवि पाई। भोर हुई सूरज उग आया, जल में पड़ी सुनहरी छाया। मंदिर में अब बंजी हैं घंटी शंख बजे आरती करे भक्त जन मिलकर कब तक सोते रहोगे तुम तन के उठो लाल थोड़ी पूजा कर लो  मिले ********************************************** कविता का भावार्थ **************** उठिए सुबह हो गई हैं,नींद से भी और अगर जीवन में हार महसूस हो रहा है तो उससे भी ,क्युकी जीवन में हार जीत तो लगी रहती है।इसलिए उठिए....। Good morning *********************************************** धन्यवाद  कविता यादव नन्ही नन्ही किरणें आई, फूल खिले कलियाँ मुस्काई। इतना सुंदर समय मत खोओ, मेरे प्यारे अब मत सोओ।

क्युकी लड़के रोते नहीं हैं (शीर्षक)

Hi friends 👋 नमस्कार 🙏 ***************** आज की कविता ये बताती है।की केवल लड़कियां या women या नारी ही नही अपने दुखो से लड़कर हारकर रो देती हैं,वो अपने दुखो को आशुओ के रूप में बहार निकाल देती हैं।लडको का भी दिल कमजोर होता हैं पर वो किसी को दिखाते नहीं ।क्युकी उनके पास ढेरों जिम्मेदारियां होती हैं, और उन्हें ये लगता है कि अगर हम कमजोर पड़ गए तो हमारे परिवार का क्या होगा,बस इसलिए लड़के अपना दुख किसी को दिखाते नही इसका मतलब ये नहीं कि लड़के रोते नहीं,बस वो दिखाते नहीं है। क्योंकि लड़के रोते नहीं है *********************  नारी के जैसे कमजोर नहीं होते हैं अपने सारे दर्द को  आसुओं में नहीं ये भिगोते हैं, क्योंकि लड़के रोते नहीं हैं। अक्सर अपने दिल में सब रखते हैं, अपनी सारी बातों को बयां नहीं ये करते हैं , क्योंकि लड़के रोते नहीं हैं। कभी कभी ये भी टूट के चूर होते हैं , अपनी बेबसी को अपनों की खातिर बस सह लेते हैं , क्योंकि लड़के रोते नहीं हैं। ये भी अगर कमज़ोर हुए तो कौन सब को संभालेगा... कैसी भी परिस्थिति को ये हर सम्भव झेल लेते हैं, क्योंकि लड़के रोते नहीं हैं। माना इंसान ये भी हैं पर ...

आलस इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन(शीर्षक)

Hi friends नमस्कार 🙏          ************** मेरी कविता आलस इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन होता है।ईसमें यही बताया गया हैं कि आलस को अपने से कोसो दूर रखें अपनी मेहनत से जीवन को सफल बनाये,क्योंकि हमारे ये दो हाथ हमें हमारी किस्मत को बदलने में बहुत मद्त करते है।क्योंकि मेहनती व्यक्ति कभी भी रो सकता हैं, दुख भी सह सकता हैं।पर झुक नही सकता हैं..। *********************************************** छोटे - छोटे खाबो को पन्नो में उतार दिया सपनो की नगरी में जाकर अपने को भुला दिया। खुली आँख से रहते- रहते काफी थक गये जीवन को सरल बनाने में काफी कष्ट उठा लिया। मुफ्त में कहा कुछ मिलता हैं टेढ़े- मेढ़े मार्ग से होकर बहुत गुजरना पड़ता हैं। सामने अगर रखा हो फल तो भी तो उसको उठाने का श्रम  करना तो पड़ता हैं। सफलता प्राप्त करने का मार्ग कहा सुगम होता हैं राह पर कौन अपने गुलाब की पंखुड़िया बिखेरता हैं। कठिन राह पर चलना आसान काम नहीं होता हैं पसीना बहुत बहाने पर भी सफलता कौंन थाली में परोस के देता हैं। दिन करो या रात करो, बहुत अगर आराम करो खुद को खाने के लिए पर हाथ तो खुद का लगता हैं। आलस क...

मान ईमान नहीं(शीर्षक)

 Hi friends👋नमस्कार🙏            कविता का शीर्षक मान ईमान       ****************************** फ्रेंड्स आज की कविता मान ओर ईमान पर आधारित है।जिसकी कमी ना जाने क्यों कम सी होती जा रही है?और अगर ऐसा ही रहा तो व्यक्ति दो घड़ी साथ बैठकर अपने दुख दर्द किस्से बांटेगा....!इसलिए friends इतने स्वार्थी ना बने की सबके रहने पर भी अकेले रह जाए....।।।। ************************************************ मान ईमान नहीँ ************* उम्मीद बया करती है हर बात अल्फाज़ कम पड़ जाते है.. बयां करने में..... हर बात की कोई मंजिल नहीँ मेहनत भी ना कोई काम आई आजकल की दुनिया में ईमान का कोई मान नहीं.....।। कोशिश करते हैं तोड़ने में इतना पसीना बहाया है ना जाने कहा गयी मेहनत बस तकलीफो का ही आलम है...।। ये बात मगर सच हो गयी दुनिया बहुत बदल गयी है पहले से कोई दिलदरिया नहीं कोई मन में समंदर नहीँ ओर आखो में वो प्यार और मोहब्बत नहीँ...।।।। ************************************************* कविता का भावार्थ **************** आज की दुनिया बहुत बदल गई है।आज लोगो में मान- ईमान जैसी ...

जैसे को तैसा(शीर्षक)

        Hello friends 🙏नमस्कार🙏           कविता का शीर्षक जैसे को तैसा    *********************************** आज मेरी ये कविता जैसे को तैसा ये बताती हैं। कि दुश्मनी को खत्म करना है ।तो दुश्मन को दोस्त बना लो,किन्तु रावण नीति व विदुर नीति में यह भी प्रदर्शित हैं।की शत्रु,रोग,अग्नि, और सर्प का दमन उचित अवसर मिलते ही कर देना चाहिए। अतः यदि प्रतीत हो कि कोई व्यक्ति क्षमा का महत्व नहीं समझ रहा तो फिर उसके साथ वहीं व्यवहार करना चाहिए ,जो व्यवहार उसने हमारे साथ किया है। ************************************* एक कहावत बहुत पुरानी           प्राचीनकाल से जानी जाती। इसमें छिपा छोटा सा संदेश            जो व्यक्ति का व्यवहार बताती। सोचें- सोचें जल्दी सोचे             बिन सोचे कुछ ना होए। खून का बदला खून बोलकर              हिंसा को जो लाता हैं। इस प्यारे संदेश को देखो               नाम भी गन...

मेहनत करिए(शीर्षक)

 Hi friends👋नमस्कार🙏 कविता का शीर्षक मंजिल           **************************** फ्रेंड्स मेहनत करिये,कभी भी हार ना मानिये!विशवास करिये किस्मत एक बार हार, दिखाएंगी दो बार हार दिखाएंगी,पर हमारी किस्मत इतनी भी बुरी नहीँ की हर बार बस हार ही दिखाएंगी,फ्रेंड्स मेहनत करिये सफलता जरूर मिलेंगी ओर जरूर मिलेंगी।यही कामना है। मेरी सबके लिए......      Do Not Care About              People Too Much हँसिये ओर हँसिये मेहनत आपके कदम चुनेंगी ओर सफलता जरूर मिलेगी                    मंजिल जरूर मिलेगी (कविता) ************************ मंजिल दूर है।मगर पाना जरूर है। अपनी मेहनत से कुछ कर दिखाएंगे लाख कांटे आये राहो में, मगर हम उसे भी पार कर जायेंगे..... करी मेहनत कम, हर बार यहीं गुमान दिल मे क्यों रहता है अपने पसीने को हर बार बहाया फिर भी क्यों फालतू सा लगता है हम उदास है कहा हम कम पड़ गए पर क्या किस्मत ही हमारी हमें मना कर गई? हमसें हमारी किश्मत ने कहा, ये तेरे लिए कम है तुझे बस...

परिवर्तन जीवन का दस्तूर (शीर्षक)

              Hi friends👋नमस्कार🙏 कविता का शीर्षक सोच *************************** आज की मेरी ये कविता परिवर्तन पर आधारित है।सोचिए अगर जीवन में वो होए जो हमने कभी सोचा ही नहीं,सूरज को कभी पानी में उतरते हुए, चांद से दो घड़ी बाते करते हुए।प्रथ्वी को अपने हाथो से हिलाते हुए ,ये सोच होती है....!कुछ भी सोच सकते हैं।पर बस परिवर्तन जरूरी है।पर वो परिवर्तन भी अदभुत हो तो बहुत ही अच्छा लगता हैं।नहीं तो बहुत खराब हो जाता है सब....। *********************************************** अच्छा सोचे,अपनो की कदर करें(कविता) ******************************** कभी-कभी मेरे दिल मे एक ख्याल आता है की चांद धरती पे रहता और हम उससे कुछ बात करते। सूरज नाराज होकर पानी मे डूबकी लगता सोचिए क्या मन्जर होता... धरती के दो पंख होते और हम चाबी उसमें भरते कभी धरती गुस्सा करके कहती ,आज नहीं हिलूंगी तू भरले कितनी भी चाबी...।। कभी--कभी सोचने में ये भी आता कि महल  में सो रही होती और परिया आती जगाने में उनसे कहती अभी क्या समय है,हमें तो लोरिया सुनना है। सोचने को तो हम कुछ भी सोचे पर हमेशा ...

सही इंसान बनो(शीर्षक)

Hi friends नमस्कार🙏 कविता का शीर्षक सही इंसान *****************************    मझ दार में छोड़कर होले से गुजर गई क्या बात कही तेरी औकाद पता चल गई माना हम सही है इसलिए बर्दाश्त करते है। ना काबिल है तू।क्योंकि पीछे से बकवास करते है कभी लफ्ज़ गलत ना निकालो किसी ओर के लिए तुम सहन नही कर सकते तो क्यों मुँह खोलते हैं उतना ही कहना चाहिए इंसान को जितना सहन कर सको वरना काबिल तो तू भी नही है। तुझे देखकर हमने तुझे पडा। चुप रहने की भी कोई जुबां होती है। इस बकबक से तो चुपी सही है। ********************************************** कविता का भावार्थ **************** सही इंसान बनो,कोई भी विपदा ,परेशानी या उलझन हो एक अच्छे और सही इंसान बन कर रहों क्युकी बेमतलब की बकबक से अच्छी चूपी होती है।क्युकी जो सही है उसका साथ उप्पर वाला भी देता हैं। और जो गलत है वो अपनी गलतियों प्र कितने भी प्रदे डाले एक दिन उजागर वो हो ही जाता है।इसलिए सही बनो सही इंसान बन कर रहो। ************************************************* धन्यवाद् 🙏 कविता यादव *****🙏******

पापी व्यक्ति हमेशा दुसरो के पाप ही गिनाता है(शीर्षक)

HEllO FRIENDS नमस्कार 🙏 कविता का शीर्षक स्वयं को सुधारे इस कविता मे बताया गया है कि इस संसार में पैदा हुआ हर इंसान गलती करता है।इससे व्यक्ति की प्रतिष्ठा कमजोर और धूमिल हो जाती है। इसलिए व्यक्ति को बहुत सतर्क और चौकन्ना रहना चाहिए जबकि वो दुसरो को कि बदनाम करने में लगा रहता है,जबकि एक बात तो सत्य है कि सही इंसान पर उंगली उठाने वाला भूल जाता है कि सबपे उंगली उठाने वाले के उप्पर स्वयं उसकी एक उंगली आरोप लगाती है इसलिए दूसरों को दोष देने की अपेक्षा खुद को सुधारने कि कोशिश करनी चाहिए। ********************************************* प्रतेक व्यक्ति गलती करता है और मूर्खता का शिकार होता हैं। इससे व्यक्ति कमजोर तो होए और धूमिल उसका अस्तित्व होता हैं। दुसरो को जो बदनाम करे  और गिने दोष हज़ार स्वयं रहे चौकन्ना और करे हज़ारों पाप एसे व्यक्ति केवल दुसरो की ही गलतियां गिने ,पर अपने पर ना कोई दोष को ढूंढे तो सामने वाला व्यक्ति भी आपके दोष बता सकता है और अस्तित्व पर उंगली भी उठा सकता हैं। क्युकी कांच के घर रहे तो पत्थर कोई भी फेंक सकता हैं। अतः ना दे दोष किसी को और ना करे उजागर दोष किसी के दुसरो प...

हमारे विचार हमारे कर्म निर्धारित करते है(शीर्षक)

          HELLO FRIENDS 🙏नमस्कार🙏                 कविता का शीर्षक कर्म      ******************************* * आज की मेरी कविता विचारों पर निर्भर हैं।क्युकी सबसे अधिक महत्वपूर्ण बात यह हैं।की हमारे विचारो मे हमेशा स्वतंत्रता होनी चाहिए और ये इतना सरल नहीं है जितना पड़ने मे और सुनने में लगता हैं।इसलिए विचारो मे परिवर्तन पहले अपनी तरफ से होने चाहिए ना की हम दूसरो से एसा चाहने की ख्वाहिश रखे,इसलिए विचार हमेशा अच्छे और सुंदर रखने चाहिए। *************************** सबसे अधिक महत्वूर्ण बात स्वतंत्र रहे हमारे विचार जरूरी नहीं सुनने में लगें या पड़ने पर अनुभव हो स्वयं के लिए व्यक्ति लेकिन वैचारिक स्वतंत्रता रखें किन्तु यदि हम किसी व्यक्ति को उसकी राय उसके विषयों पर ही रखे और विशेष कर हम अपनी राय मानने पर विवश करें एसी स्थति हो या कैसी भी स्थति प्रगति की हो असंभव सी परिस्थिति महात्मा बुद्ध ने लेकिन कहीं  एक बहुत जरूरी बात मनुष्य जो सोचता है एक दिन वही बन जाता हैं। हमारे विचार एक सीमा पर इस बात पर निर्भर करता ह...

समय ना होए किसी का(शीर्षक)

           Hello friends 👋नमस्कार🙏             कविता का शीर्षक समय  ************************************* मुझे समय पर आधारित ये गुलज़ार जी ली लाइन बहुत ही अच्छी लगती है आप को भी पसंद आएंगी इसी समय पर आधारित मेरी कविता समय पड़िये ओर बताइये केसी लगी। "समय"(कविता)   शब्दो को बयां करती है आँखे इनमें कुछ यूं ना छुपाए... समय पर बया कर ही देता है आशु जो आंखों में आहि जाते है। दर्द किसी को भी हो! आशु आँखों मे आही जाते है। सम्भल कर बोलिये हर बात.. की इंसान है हम भी है। नहीं सह सकते कोई बात की एक नाजुक दिल हम भी रखते है। समय के इस दौर ने मजबूत कर दिया है तकलीफ सहते-सहते समय को ही यकायक बदल दिया है कैसा माहौल बन गया है। की ठंडी हवाएं भी चले तो डर जाते है। समय मजबूती से बड़ा जा रहा है। डर नही कर ये हमसे कहे जा रहा है।।  ********************************************** कविता का भावार्थ ************************** समय यानी वक्त कभी किसी का नहीं होता है,पल मे अपना रूप दिखा देता है क्युकी समय बड़ा बलवान ये ना होए किसी का।घमंड करे तो...

अकड़ नहीं करना चाहिए(शीर्षक)

        HI FRIENDS👋 नमस्कार🙏           कविता का शीर्षक महसूस ************************************ दोस्तों कभी भी हमे अकड़ नहीं करना चाहिए,अब आप बोलोगे आप कोन होती हो बोलने बाली ..... में कोई नही होती किसी को भी कुछ कहने वाली,पर हमें ये नही भूलना चाहिए कि ,दर्द किसी का भी हो,तकलीफ किसी की भी हो, बहुत दुखदाई होती है।और हम अगर उसके लिए कुछ नहीं कर सकते तो इतना तो कर ही सकते है।कि थोड़ा दुख दर्द बाट ले।ओर अपनी तरफ से कुछ दुख कम कर सकते है,तो उसे कम करने की कोशिश करे।आखिर हम है !तो क्या एक इंसान ही है।  ************************************************ महसूस ****** नहीं होता दर्द मुझे, किसी ओर का.. नही होता मुझे ये एहसास किसी ओर का। बदलती हवा हैं ये दोस्तों ,कोई हमे भी मिला ना ऐसा.... कभी महसूस करके तो देखिए कितना अश्क होता है,उस दर्द का अपना। खुशी में हम साथ रहे,ऐसा चाहो तो किसी का.. उम्मीद करके रखिये,बस आस बनाया इसी का। कभी ना मुकमल जहां, मिलता है किसी को... तस्वीर हटा के रखिये,सच्चा दिल का यही है रिश्ता। महसूस करके देखिए ,दर्द ना सही खुशी म...

सोचने से कुछ नहीं होता(शीर्षक)

       HELLO FRIENDS  🙏 नमस्कार🙏              कविता का शीर्षक सोचना ************************************ आज की कविता सोचने पर आधारित है।क्युकी सोचने से कुछ नहीं होता,सोचने को तो हम आसमान पर उड़ सकते है।जो सोचे वो जादू से हमारे पास आ जाता, हम कभी दुखी नहीं होते कोई तकलीफ हमें छू कर भी नहीं जा सकती।पर ये सब बातें सोचने की है।पर एसा होता नहीं क्युकी जो भी होता हैं।करने से होता है,सोचने से नहीं.... ।।। ********************************************* सोंचने से कुछ होता तो!सोचिए क्या होता ********************************* सोचने से कुछ हो जाता तो सोचिए क्या होता... आसमान पर उड़ती में भी पंछी बन कर रात सुबह ... सोचने से कुछ हो जाता तो सोचिए क्या होता... दिन को में रात में बदलू या बदलती दुनिया को . .  कोई नहीं जीता गरीबी में रहता हर कोई खुशमिजाज.... सोचने से कुछ हो जाता तो सोचिए क्या होता.... आँशु क्या होते ये पुछते मुझसे कोई अपना सा.... परेशान सा ना कोई होता ओर ना कोई कभी थका सा.... सोचने से कुछ हो जाता तो सोचिए क्या होता.... स्वर...

कृष्ण बांसुरी वाले(शीर्षक)

       HELLO FRIENDS                 🙏नमस्कार 🙏            जय श्री कृष्णा             💐💐💐💐💐💐💐💐 मेरी इस कविता में केवल यही बताया गया है।की कृष्ण कहो या राम इन्होंने भी एक आम इन्सान बनकर धरती पर जन्म लिया और आम मानव जैसा ही जीवन बिताया और सभी का उद्धार किया ,तो हम तो सच में आम इंसान हैं।जब भगवान हो कर कई दुखो का सामना करके भी मुस्कराते रहते थे ,उन्होंने हमें बताया कि किसी भी परेशानी और मुसीबतों का सामना हंस कर करो तो जीवन में कभी हार नहीं मिलती। और आख़िर में इस धरती को छोड़ कर चले गए जबकि वो कण- कण में विधमान हैं।तो हम इंसान को भी एक दिन इस धरती को छोड़ कर जाना ही है,पर कर्म भी अच्छे ही होने चाहिए नहीं तो मुक्ति मिलना संभव नहीं है। क्युकी हम इंसान है भगवान नहीं...किन्तु आजकल कुछ लोग इस तरह पाप करते हैं,मानो स्वयं वो भगवान हैं, और उन्हें किसी बात का डर नहीं है,तो ये पाप नहीं तो और क्या है। ********************************************** कृष्ण बासुंरी मन को भ...

जय मां सरस्वती (शीर्षक)

HELLLO FRIENDS 🙏नमस्कार🙏 कविता का शीर्षक मां सरस्वती 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 दोस्तों आप को पता है।आज में जो कुछ भी लिख रही हु ,या आप इसे पड़ रहे हो,सब माता सरस्वती की देन है।ज्ञान की देवी ही हमें शव्दों को पढ़ना उसे समझना और जीवन मे उसे ढालना सब माँ सरस्वती की देन है।माँ सरस्वती की कृपा सब पर बनी रहे यही मेरी कामना है। मेरी तो माँ सरस्वती से यही विनती है।कि माँ सरस्वती में गलती से भी कोई गलती ना करू जिससे किसी के दिल को कोई भी ठेस पहुँचे, में जब कुछ लिखति भी हु तो माँ सरस्वती से कामना करती हूं कि माँ मुझसे कोई गलती ना हो पाए इस बात का ध्यान रखना।और मुझे सद्बुद्धि प्रदान करना ताकि मेरे शब्द से किसी को भी कोई दुख न पहुँचे। 🙏🙏धन्यवाद🙏🙏 कविता जय मां सरस्वती ********************************** विद्या मिले आप से ,ज्ञान की देवी हो.... बढ़ते रहे उस ज्ञान में ,हमसे ये कहती हो ..... वीणा की तरह,मधुर शब्द कहे हम.... ये ज्ञान ले इससे,हमसे ये कहती हो....     माता रानी कृपा करना ,जो भी देना अच्छा देना.., तेरी कृपा हमपर रहे,ज्ञान का वो .. उजाला दिल मे रहे.... नमन तुम्हे में करती हूं है सर...

तकलीफ़ सहते हैं,पर शिकायत नहीं करते(शीर्षक)

HELLO FRIENDS 🙏नमस्कार🙏 कविता का शीर्षक तकलीफ ******************************* आज की कविता का सीधा सा अर्थ है।की कुछ लोग हज़ारों तकलीफों को शह लेते है।पर कोई शिकायत नहीं करते,इसका मतलब ये नहीं कि उनको कोई तकलीफ़ नही होती,वो तो बस अपने कर्तव्यों की ही तरफ ध्यान देते है,बाकी सब भगवान पर छोड़ देते हैं ।  तकलीफ सहते है ! पर शिकायत नहीं करते है। कुछ लोगो को हम हमारी जिंदगी में कुछ समझते नहीँ तकलीफ सहते है।पर कोई शिकायत करते नहीँ। क्यों अपने पर गुमान किया करते है। कुछ लोग क्यों दुसरो को दर्द दिया करते है। भूतकाल की तकलीफों को गिना करते है। वर्तमान भी खराब किया करते है। ओर भविष्य का भगवान भी खुदको ही समझते है। हम इसलिए अपनी जिंदगी में कुछ लोगो को कुछ समझते नही। तकलीफ सहते है,पर शिकायत कुछ करते नही। हमारे हाथों में वो छल की लकीरें नहीँ दूसरी ! किस्मत भी हमारी कुछ खास नही। फिर भी किसी को कोई दर्द देते नहीँ इसलिए हम इंसान है।बस भगवान किसी के बनते नही इसलिए कुछ लोंगो को हम कुछ समझते नहीँ तकलीफ सहते है पर शिकायत करते नही..... .. *********************************************** कविता का भावार्थ...

दर्द कविता(शीर्षक)

HELLO FRIENDS 🙏नमस्कार                 कविता का शीर्षक दर्द ************************************ जीवन बहुत उलझनों से घिरा रहता है पर उन्ही में खुशियां ढूढ़ने की कोशिश करिये,तकलीफो को एक तरफ रखकर खुश रहिये,जीवन हँसने ओर हँसाने के लिए इसलिए खुश रहे और  ओर खुश रहे........😊😊😊 इसी पर आधरित मेरी ये कविता पढ़िए ओर बताइये केसी लगी ।              कविता दर्द किसी ने मुझसे पूछा तुम पुरा दिन कितना हँस लेती हो.... में ने हँस कर ही कहा ,जितना  कोई हँसा देता है.... उसने मुझसे फिर कहा! आज कल कोई हँसता कहा है.. अगर दर्द हो साथ तो  साथ निभाता कहा है। मैंने मुश्कराते हुए कहा! हँसते हुए चेहरे में ,भी दर्द होते है। साथ पाना चाहते है हम !अपनो का.. इसलिए अपना दर्द, ना सही , दर्द बाठ लेते है। हम!हर किसी का..... ********************************************* कविता का भावार्थ **************** कविता का भावार्थ कोई भी दुख हो तो उसे किसी के साथ बांट लेना चाहिए इससे दुख कम ही होता है,बड़ता नहीं है। और जी हल्का हो जाता है। ...

पिता का प्यार बेटी के लिए(शीर्षक)

  HELLO FRIENDS 🙏नमस्ते दोस्तों🙏 ************************************  ...जिस प्रकार माँ बेटी का रिश्ता गहरा होता है।उसी प्रकार एक पिता और बेटी का भी होता है।पिता अपनी बेटी की भलाई के लिए अगर उसे डाटते है।तो उसमें भी उनका प्यार छुपा होता है।और अगर आप को वो प्यार देखना हो तो उस दिन देखना चाहिए जिस दीन बेटी की विदाई होती रहती है।और एक पिता अपने आशुओँ को छुपाते हुए कोई ना कोई बहाना बना कर अपनी बेटी से छुपते रहते है।और मन ही मन कहते है।मेरी बिटिया मेने कल भी तेरी भलाई के लिए डाटा था।और आज भी तेरी भलाई के लिए ही तुझे अपने से दूर कर रहा हूं। इसलिए दोस्तों माता पिता का हमेशा सम्मान करें और केवल अपने ही माता पिता नही दूसरे के माता पिता का भी सम्मान करें । और जो इतना भी नहीं कर सकता वास्तव में वो किसी का भी बच्चे बनने के काबिल नही हैं।अगर मेरी लिखी कोई भी बात आप लोगो को बुरी लगे तो प्लीज मुझे माफ़ करियेगा। मेरे द्वारा लिखी ये कविता वही पिता और बेटी के प्यार की एक झलक है।पढ़िए ओर बताइये इस कविता ने आपके दिल को छुआ क्या..... 🙏.नमस्कार,🙏 तू मेरी बेटी प्यारी, मेरी नन्ही सी  राज कुमा...

ज्ञानी अज्ञानी का भेदभाव (शीर्षक)

 HELLO FRIENDS 🙏नमस्कार🙏 कविता का शीर्षक ज्ञान अज्ञान ********************************** आज मेरी ये कविता ज्ञान ओर अज्ञान के भेदभाव को अग्रसर कर रही है।जिसमे बताया गया कि शिक्षा को ग्रहण करके भी व्यक्ति कभी - कभी  अशिक्षित बन जाता हैं।जो कि सही नहीं है। ज्ञानी अज्ञानी का भेदभाव कोई ज्ञानी क्यों माने  खुद को अज्ञानी..। कोई नहीं उचित उपाय जो बारीकी से परीक्षा करके एक बात हमने तो मानी...। यह निश्चित अहंकार नहीं तो और क्या हो सकता है। विश्व का संपूर्ण ज्ञान प्राप्त करके भी मूर्ख यू ही उछलता हैं...। बुद्धिमानी व्यक्ति केवल  ज्ञान को ही आत्मसात करे फिर भी इस परिप्रेक्ष्य में कोई भी व्यक्ति पूर्णतः ज्ञानी फिर भी ना बने..। एक बात तो याद रखे  जो पात्र भरा सदा देखे उसके ज्ञान मे तनिक भ्रम नहीं की और पात्र भर ना सके...। और वही जो पात्र हमेशा आधा  खाली ही रखे उसके पात्र को सदा ही व्यक्ति फिर भी अपने ज्ञान से पूरा भरे...। यही फ्रक है एक और अज्ञानी में कोई उसे पूरा समझे और कोई उसे पूरा पाने की चाह रखे..। एक बुद्धिमान अपने को मूर्ख कहकर भी सदा हंसे और मूर्ख हमेशा अपने ज...

अदभुत,अविचल,अचरज(शीर्षक)

      HELLO FRIENDS 🙏 नमस्कार🙏   कविता का शीर्षक अदभुत अविचल अचरज ************************************ आज की कविता अदभुत अविचल अचरज कैसी है जिंदगी अर्थात जिंदगी का कुछ नहीं कहा जा सकता क्युकी इसके बारे में हमें कुछ नहीं पता,हम तो बस कठपुतली के जैसे उस उप्पर वाले के हाथो से बधे है। और वो जैसे नचाता है,हम नाचते है इसलिए तो इस कविता मे कहा गया है,अदभुत अविचल अचरज केसी है,जिंदगी।   ********************************************* अदभुत अविचल अचरज भरी,कैसी है ये जिंदगी कभी हँसाए कभी रुलाये,केसी है ये जिंदगी जो कुछ हम दिल से चाहे , वो हाथों से फिसली जाए अदभुत अविचल अचरज भरी कैसी है जिंदगी…. कभी ,तो आँख भर आये ,कभी आसमानो पर उड़ाए ख़ुशी मिले कभी ऐसी ,कभी जो हम करना न चाँहे हमसे ए वो भी करवाए ,कैसी है जिंदगी……. अदभुत अविचल अचरज भरी कैसी है ए पहेली कभी हमें कोई राह दिखाए ,ऐसा जब हम दिल से चाहे पर ना जानें क्यों ए दुःख के बादल , फीर लहराए कैसी है जिंदगी अदभुत अविचल अचरज भरी कैसी है जिंदगी ….. धीरज रख ए कहना चाहे ,कैसी है जिंदगी अदभुत अविचल अचरज ,भरी कैसी है जिंदगी…… वारे- व...

जीवन गुलाबो की सेज नहीं हैं (शीर्षक)

जीवन गुलाबों के सेज नहीं हैं।(शीर्षक) *************************************          Hello friends नमस्कार🙏 आज की कविता जीवन में कई कठिनाइयों को शह कर जीवन को जीत लिया उनका जीवन जीना कहलाता है।क्युकी....। कभी - कभी जीवन में अत्यधिक आराम और बिना किसी उलझनों से जीना जीवन की बहुत सी तकलीफों से नजरअंदाज कर देता हैं,उन्हें जिन्हें आराम और सुख का जीवन मिलता हैं।जीवन में जिन्होंने केवल दुख,कठिनाई, और उलझनों को ही सहा हैं उनके लिए जीवन गुलाबो की सेज नहीं होती इसलिए अपने आराम मे दूसरों की तकलीफों को नजरंदाज ना करे।                         *************************************** जीवन यात्रा दुर्गम यात्रा गुलाबो की शैया नहीं हैं थककर शीतल ठंडा पानी पीना पेड़ों की मधुर हवा का संगीत सुनते हुए दो घड़ी आराम करना क्योंकि जीवन गुलाबों की शैया नहीं है हार कर दिल छोटा करके हताशा व निराशा के साथ में डूब जाना जीवन के खराब दौर से गुजर कर फिर उस बुरे दौर से गुजर कर निकल जाना क्योंकि जीवन गुलाबों की सैया नहीं है कठिन परिश्रम ...

#हीरे की कीमत कम ही होती है(शीर्षक)

HELLO FRIENDS 🙏नमस्कार🙏 कविता का शीर्षक हीरे की कीमत ******************************** मेरी आज की कविता कीमत पर आधारित हैं।क्युकी अक्सर जो बहुत जरूरी होता है। उसकी कीमत बहुत कम ही आकी जाती हैं।उदाहरण के तौर पर हीरे को ही ले लीजिए हीरा बहुत कीमती होता हैं,फिर भी उसका प्रयोग लोग ज्यादा सबके सामने नहीं करते हैं।उसी प्रकार हर अच्छे व्यक्ति और हर अच्छी चीजों का महत्व कम ही देखने को मिलता हैं।           #हीरे की कीमत (कविता)          ************************* गुलाब की खुश्बू  मोगरे से कम ही होती है पर गुलाब की कीमत  मोगरे से ज्यादा होती है!!! नीभाया कर्तव्य सही इंसान ने  फ़र्ज नीभाया मेहनत ने पर बेइमानी से जो राज करे वहां मेहनत की कीमत कम ही होती है!!! घर की काम करे नारी नर कमाई करते है!!! पर नर की कीमत हमेशा नर से कम ही होती है!!! सूरज रोशनी करता  है,चांद रात में आता है!!! पर तारे की कीमत सूरज ओर चांद से कम होती है!!! नीभाया कर्तव्य सही इंसान ने फ़र्ज नीभाया मेहनत ने!!! पर बेईमान से जो राज करें वहां मेहनत की कीमत कम ही होती...

#जिन्दगी (शीर्षक)

HELLO FRIENDS 🙏नमस्कार 🙏 कविता का शीर्षक जिंदगी ************************** #जिंदगी (शीर्षक) हेलो दोस्तों नमस्कार 🙏 आज की मेरी ये कविता जिंदगी से शिकायत करते हुए कह रही है।जिंदगी तुझसे मुझे ढेरों शिकायत है इतनी की जिसकी कोई सीमा नहीं,पर जिंदगी ये तो बता जब तक रहेगी तब तक क्या इम्तिहान ही लेती रहेगी या थोड़ा बहुत सुकून भी देगी,जो तूने मुझसे छीन लिया या उन्हें वापिस करने का वादा कर !जिंगदी बहुत सताती हैं। या इन इम्तिहानों का अंत  कभी करेगी...? #जिंदगी(शीर्षक )zindagi poem ***************************** मुझे जिंदगी से बस इतनी सी शिकायत जो चाहा वो दिया नहीं.... मुझे जिंदगी से बस इतनी शिकायत जो दिया वो मुझे मेरा लगा नहीं.... मुझे जिंदगी से बस इतनी शिकायत आंखो को खाली कभी छोड़ा नहीं.... मुझे जिंदगी से बस इतनी शिकायत आशुओ की धाराओं को कोई हिसाब नहीं.... मुझे जिंदगी से बस इतनी शिकायत जो जरूरी था वो भी छीन लिया.... मुझे जिंदगी से बस इतनी शिकायत छीन तो लिया ! मिलाने का कोई वादा नहीं... शिकायत जिंदगी से ढेरों हैं जिन्दगी तू ही बता तेरे होने से क्या हम हैं... चल तेरे इशारों ...

जय श्री गणपती महाराज

  ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः ॐ श्री गणेशाय नमः             Hello friends👋नमस्कार🙏 फ्रेंड्स इस ब्लॉग पर मेरी ये सबसे पहली कविता है।और में चाहती हूँ।कि में सबसे पहले विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की कविता से शुरुआत करू, ताकि गणपति महाराज मेरे विघ्न हरके ,ओर आप सब के भी विघ्न हरे .... ओर सर्वप्रथम पूजनीय श्री गणेश जी मुझे सफल करें और मुझें अपने इस ब्लॉग में आशीर्वाद प्रदान करें... 🙏🙏जय गणपति महाराज मुझे सफल करें🙏🙏 🙏 जय गणपति महाराज 🙏 ************************* गणपति महाराज विघ्न हरो  पूरन कीजे काज.....🙏 सफलता मुझको दिलवादो जो दिल में हैं, विशवास....🙏 सर्वप्रथम आपको मेरा हैं नमस्कार,चरणों मे दीजे जगा ना करिए मुझको नाराज़....🙏 आपके कई बच्चों में  में भी हूँ एक आम मेरी भी सुन लीजे तुच्छ सी ये अरदास....🙏 गणपति महाराज विघ्न हरो पूरन कीजे काज़...🙏 समझ नहीं मुझको, नादां हुँ थोड़ी सी गलती मेरी छमा ...